जिला अस्पताल में जनरल दवाओं का गहराया संकट
कोरोना संक्रमण का डर हर किसी में बन गया है। इसके चलते अस्पताल म
जागरण संवाददाता, बलिया : कोरोना संक्रमण का डर हर किसी में बन गया है। इसके चलते अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। जिला अस्पताल में दवाओं के अभाव ने लोगों की परेशानी को और बढ़ा दी है। जनरल दवाएं ही उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। तीमारदारों को बाहर की दुकानों पर दवाएं खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल में प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार मरीज आते हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बुखार व एलर्जी की दवाओं की मांग बढ़ गई है। अस्पताल कर्मियों के मुताबिक पैरासिटामाल, इजो थ्रो माइसीन सहित कुछ अन्य जरूरी दवाएं तक मौजूद नहीं हैं। इससे भी बुरा हाल जिले के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों का है। ओपीडी में बैठे चिकित्सक दवाइयां लिख रहे लेकिन वह दवा काउंटर पर न मिलने के कारण मेडिकल स्टोर से ऊंचे दामों में लेना पड़़ रहा है।
जिला अस्पताल में सभी जीवनरक्षक दवाएं उपलब्ध हैं। दवाओं का विकल्प भी है। दवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी।
-राजेंद्र प्रसाद, मुख्य चिकित्साधिकारी। उचित मूल्य पर उपकरण व दवा बेचने की अपील
बलिया: कोरोना की दूसरी लहर जहां बेकाबू होती दिख रही है, वहीं कुछ दवा कारोबारी इसका नाजायज फायदा उठाने में जुटे हैं। होम आइसोलेशन मरीजों का आक्सीजन लेवल जानने के लिए आक्सीमीटर तथा बुखार जांचने के लिए थर्मामीटर आवश्यक होता है। बढ़ी मांग को देखते हुए कुछ दवा कारोबारियों ने गलत तरीके से मूल्यवृद्धि कर दी है। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद सिंह ने कहा कि इसकी शिकायतें मिली हैं, जो ठीक नहीं है। उन्होंने ऐसा करने वाले दुकानदारों से अपील की है कि यह कृत्य अच्छा नहीं है। इससे बचें और उचित मूल्य पर ही दवा या उपकरण की बिक्री करें।