गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर हवन-पूजन

बलिया गंगा की गति को रोकना प्रकृति संरक्षण के सवाल पर न्याय संगत नहीं हे। ऊर्जा के लिए नदियों का प्रयोग जीवन प्रणाली व संपूर्ण सृष्टि के लिए घातक है। जरूरत है गंगाजल दोहन की आधुनिक विकास परंपरा पर विराम लगाने की ताकि नदी सभ्यता की प्राचीन मूल्यों की निरंतरता अक्षुण्ण रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 04:58 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 04:58 PM (IST)
गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर हवन-पूजन
गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर हवन-पूजन

बलिया : गंगा की गति को रोकना प्रकृति संरक्षण के सवाल पर न्याय संगत नहीं हे। ऊर्जा के लिए नदियों का प्रयोग जीवन प्रणाली व संपूर्ण सृष्टि के लिए घातक है। जरूरत है गंगा जल दोहन की आधुनिक विकास परंपरा पर विराम लगाने की ताकि नदी सभ्यता की, प्राचीन मूल्यों की निरंतरता अक्षुण्ण रहे। उक्त बातें गंगा दशहरा की पूर्व संध्या पर जनपद के श्रीरामपुर गंगा घाट पर टिहरी बांध से पतित पावनी को मुक्त करने के लिए हवन पूजन करने के पश्चात गंगा मुक्ति व प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने कही। इस अवसर पर छात्रनेता रतन पांडेय, विवेक सिंह, नीतेश पांडेय आदि मौजूद थे।

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