सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बढ़ रहीं सुविधाएं, उपचार में होगी आसानी
जागरण संवाददाता बलिया कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए शासन स्तर से ह
जागरण संवाददाता, बलिया : कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को देखते हुए शासन स्तर से हर जगह अस्पतालों में इंतजाम बढ़ाने शुरू कर दिए गए हैं। सोनबरसा, खेजुरी, रेवती और सीयर सीएचसी पर 30-30 आक्सीजन युक्त बेड स्थापित किए जा रहे हैं। सोनबरसा में आक्सीजन प्लांट भी स्थापित हो रहा है। जहां पर आक्सीजन प्लांट नहीं बन रहे, वहां 20 आक्सीजन कसंट्रेटर भेजे गए हैं ताकि 30 बेडों पर लगातार आक्सीजन की सप्लाई दी जा सके। सीएचसी पर पर्याप्त चिकित्सकों की भी तैनाती की जा रही है ताकि उपचार में कोई दिक्कत न हो। प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. हरिनंदन प्रसाद ने बताया कि इसके अलावा जनपद में 18 सीएचसी, 13 ब्लाक स्तरीय पीएचसी, 66 न्यू पीएचसी और 02 अरबन अस्पताल हैं। एक पीएचसी में चार बेड होते हैं और सीएचसी में 30 बेड स्थापित होते हैं। जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थापित बेडों पर पाइन लाइन से आक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। बसंतपुर के एल-2 अस्पताल में 55 बेड हैं। फेफना में एल-1 अस्पताल में 75 बेड हैं। अवश्यकता पड़ने पर एल-1 और एल-2 अस्पतालों को भी बच्चों के लिए उपयोग भी किया जा रहा है।
--बच्चों के लिए अभी 70 आइसीयू बेड जनपद के सोनबरसा, खेजुरी, रेवती और सीयर सीएचसी पर 30-30 आक्सीजन युक्त बेड में बच्चों के लिए 10 आइसीयू बेड बनाए जा रहे हैं। जिला अस्पताल के पीकू वार्ड में 30 आइसीयू बेड स्थापित किए जा रहे हैं। इस तरह कुल 70 आइसीयू बेड बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद बहुत कुछ बदला :
कोराना की दूसरी लहर के बाद से ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में बहुत कुछ बदला है। दवा के साथ ही अन्य संसाधन लगाए जा रहे हैं। जयप्रकाशनगर के निवासी धनंजय सिंह ने बताया कि यहां के अस्पताल में भी आक्सीजन की पाइप लाइन बिछाई जा रही है। अभी बच्चों का बेड नहीं बना है, लेकिन संसाधन बढ़ाने के लिए अधिकारी लगातार आ रहे हैं।