क्रय केंद्रों की रुसवाई, मौसम की अंगड़ाई ने किसानों की नींद उड़ाई
किसानों ने महीनों मेहनत की। खेतों में खूब पसीना बहाया। इसका परिणा
जागरण संवाददाता, बलिया : किसानों ने महीनों मेहनत की। खेतों में खूब पसीना बहाया। इसका परिणाम भी बढि़या आया। खेतों में गेहूं की फसलें लहलहाने लगीं। तब उनकी आंखों की चमक बढ़ गई। साल भर खाने के अलावा अन्य खर्च निकलने की उम्मीद जग गई, लेकिन इसके बाद जो हुआ उससे उनकी मुसीबत अचानक बढ़ गई। सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद नहीं होने से बड़ी संख्या में किसानों के अरमानों पर पानी फिरने की नौबत आई है। इसी में दोहरा संकट खड़ा हो गया। बीच-बीच में मौसम में बदलाव से किसानों के माथे पर चिता की लकीरें गहराने लगी हैं। बुधवार को दिनभर आसमान में बादलों की लुका-छिपी ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया।
मौसम विभाग के अनुसार 24 घंटों में बूंदाबादी की संभावना है। ऐसे में खेत-खलिहान से लेकर क्रय केंद्रों के बाहर पड़े किसानों का गेहूं खराब होने का संकट भी छा गया है। क्रय केंद्रों के बाहर ट्रैक्टर ट्रालियों पर पड़ा है गेहूं
चिलकहर, चितबड़ागांव, रेवती सहित कई स्थानों पर बने क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद नहीं होने से किसान बहुत परेशान हैं। कई किसान गेहूं लेकर केंद्रों पर पहुंचे तो निराशा हाथ लगी। उनकी दिक्कत और बढ़ गई। अब वे वहीं ट्रैक्टर ट्रालियों में अपने गेहूं की रखवाली कर रहे हैं।