द्वाबा के नसीब में एनएच-31 की खस्ताहाल सड़क

जागरण संवाददाता बलिया राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के निर्माण के लिये अब द्वाबा क्षेत्र के लोग थक चुक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:52 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:52 PM (IST)
द्वाबा के नसीब में एनएच-31 की खस्ताहाल सड़क
द्वाबा के नसीब में एनएच-31 की खस्ताहाल सड़क

जागरण संवाददाता, बलिया : राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के निर्माण के लिये अब द्वाबा क्षेत्र के लोग थक चुके हैं। लोग अपनी किस्मत मान चुके हैं कि उन्हें इसी जर्जर राह पर झटके झेलते रहना पड़ेगा। चार साल से यह सड़क बेलहरी से मांझी घाट तक सौ फीसद खराब है। भाजपा के पूर्व सांसद भरत सिंह के गांव नवका टोला के सामने तो स्थिति और भी खराब है। जून 2020 में टेंडर होने के बाद भी 30 किमी की दूरी में कार्यदायी एजेंसी काम नहीं कर पाई। बैरिया के ग्रामीण राजेश सिंह बताते हैं कि चार साल में करीब 40 बार वे इसकी शिकायत एनएचएआइ के अफसरों से कर चुके हैं, लेकिन लोगों को सिर्फ गुमराह किया जा रहा। राहगीर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं, इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों की सक्रियता शून्य स्थिति है।

----------------- एनएचएआइ ने भी नहीं लिया कोई एक्शन

गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक 130 किलोमीटर सड़क का 102 करोड़ रुपये में टेंडर जयपुर की कंपनी कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर को एक साल पहले मिला है। कंपनी एक साल में जब 20 किमी कार्य भी नहीं कर पाई तो लोगों ने बीते दिनों एनएचएआइ के अधिकारियों का घेराव किया। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी अधिकारियों को चेताया, लेकिन नतीजा शून्य पर ही टिका रहा। एनएचएआई के तकनीकी प्रबंधक योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कंपनी को चेतावनी दी गई है। ड्रोन कैमरा से इस कार्य का सर्वे कर रिपोर्ट मंत्रालय को भेजा जाएगा। कंपनी का भुगतान रोका जाएगा। कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा, लेकिन कंपनी के सेहत पर कोई असर नहीं है।

------------ सड़क की बदहाली से तंग आम जनमानस

यूपी-बिहार को जोड़ने वाले इस सड़क पर चाल साल से आम जनमानस तंग है। द्वाबा के निवासी अशोक सिंह ने कहा कि चार साल में खराब सड़क के कारण दर्जनों लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई। सैकड़ों लोग घायल हुए। फिर भी कार्य में कोई तेजी नहीं आई। बैरिया में 6 किमी की दूरी में कंपनी ने कार्य भी कराया तो वह 15 दिनों के अंदर ही उखड़ गया। इसी क्षेत्र के अरूण सिंह कहते हैं जनता सिर्फ वोट देने के लिए है। सत्ता पक्ष या विपक्ष किसी को भी जनता की इस पीड़ा से कोई मतलब नहीं है।

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