हर कोई रहा परेशान, सुरक्षित लौट आया मछुआरा
जागरण संवाददाता, बांसडीह (बलिया): जाको राखे साइयां मार सके ना कोय। यह कहावत उस समय चरि
जागरण संवाददाता, बांसडीह (बलिया): जाको राखे साइयां मार सके ना कोय। यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब मछली मारने सुरहाताल में गुरुवार को गया नेपाल ¨बद (35) निवासी मैरीटार सुरक्षित घर आ गया। वह सुरहाताल में मछली मारने डेंगी से प्रतिदिन की भांति गया हुआ था। शाम को तेज आंधी व बारिश में उसकी डेंगी भीखपुर गांव के सामने जलकुंभी में फंस गई। देर रात तक घर नहीं आने पर परिवार वाले उसकी तलाश में जुट गए। शुक्रवार की सुबह से ही स्थानीय गोताखोर उसकी तलाश के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे। इससे परिवार में कोहराम मचा रहा। हर कोई मान चुका था कि वह आंधी व बारिश के बीच सुरहाताल में डूब गया है। दोपहर बाद अचानक वह घर पहुंचा तो परिवार वालों की आंखों में खुशी के आंसू छलकने लगे। उसने बताया कि आंधी व पानी में उसकी डेंगी भीखपुर गांव के सामने जलकुंभी में फंसकर पलट गई। इसी में रात भर फंसा रहा। वह सुबह किसी तरह जलकुंभी को फाड़कर बाहर निकला। इसके बाद वह नाव सहित घर आया। पति के वापस आने पर उसकी पत्नी ने काशी बाबा का पूजन अर्चन किया। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही।