आंधी से तबाही, दीवार गिरने से वृद्धा की मौत
मौसम में तीन दिन से आए बदलाव ने हर किसी को हैरान-परेशान कर दिय
जागरण संवाददाता, बलिया : मौसम में तीन दिन से आए बदलाव ने हर किसी को हैरान-परेशान कर दिया है। सोमवार की भोर में चली तेज आंधी ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। तेज हवाओं के कारण दर्जनों पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे टूट गए, कुछ स्थानों पर झोपड़ियां व दीवार गिरने की भी खबरें आई हैं। गड़वार में दीवार गिरने से एक वृद्ध महिला की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गईं।
रसड़ा, बिल्थरारोड, चिलकहर, इंदरपुर आदि स्थानों पर आंधी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। आंधी के कारण सब्जी व आम की फसल भी प्रभावित हुई है। तेज हवाओं के कारण विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था चरमरा गई है। दर्जनों गांवों में बिजली गुल हो गई है। कई गांवों में तीन दिन बाद भी आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। सोते समय भरभराकर गिर गई दीवार :
गड़वार : थाना क्षेत्र के महाकरपुर गांव की दलित बस्ती में किशुन राम की चारों तरफ से ईंट की दीवार से बनी रिहायशी झोपड़ी में उनकी 78 वर्षीय पत्नी सुरसतिया देवी व 32 वर्षीय बहू करमौती देवी सोई थीं। झोपड़ी में पांच बकरियां भी बंधी थीं। भोर में तेज आंधी से झोपड़ी दीवार सहित भरभराकर कर गिर गई। उसके मलबे में महिलाएं दब गईं। शोर सुनकर आसपास के लोग जुट गए और किसी तरफ से मलबा हटाकर दोनों को बाहर निकाला। इस घटना में सुरसतिया देवी के दोनों पैर टूट गए और उनकी बहू भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां से उपचार के बाद घर लाते समय सुरसतिया देवी की मौत हो गई। हादसे में दो बकरियां भी मलबे में दबकर मर गईं। झोपड़ी व टीन शेड में रहने वाले सहमे
रसड़ा : आंधी के चलते क्षेत्र में कई बिजली के खंभे टूट गए। जाम, सुलुई, टीकादेवरी विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े चार दर्जन गांवों में आपूर्ति बाधित हो गई। कई दर्जन पेड़ जमींदोज हो गए। साथ ही आम की फसल को भारी क्षति हुई है। तीन से जारी आंधी के दौर से झुग्गी-झोपड़ियों व टीन शेड में रहने वाले लोग सहमे हैं। जुटे रहे कर्मचारी, बहाल नहीं हुई आपूर्ति
बिल्थरारोड : सोमवार की भोर में आंधी के कारण नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो गई। आधा दर्जन स्थानों पर बिजली के खंभे व तार टूट गए। कर्मचारी फाल्ट दूर करने में जुटे रहे लेकिन शाम तक सभी जगह आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी। हल्दीरामपुर से सिकंदरपुर तक कई जगहों पर ग्रामीण इलाकों में विद्युत पोल और तार पर ही पेड़ गिर गए। इससे करीब दस घंटे तक विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप रही। फाल्ट दूर करने के लिए विद्युतकर्मी घंटों लगे रहे। दोपहर बाद तक किसी तरह आधा-अधूरा फाल्ट दूर किया गया और नगर की विद्युत आपूर्ति शुरु कर दी गई। दोपहर 12 बजे तक नगर में कुछ घंटों के लिए बिजली तो मिल गई। उसके बाद मुख्य सप्लाई ही चली गई। ग्रामीण इलाकों की बिजली 18 घंटे से पूरी तरह से ठप है। सोनाडीह फीडर का तो आलम यह है कि 36 घंटे में महज दो घंटे ही बिजली मिल सकी है। जेई अवधेश कुमार ने बताया कि आंधी पानी से करीब आठ जगहों पर बिजली के मुख्य तार टूट गए और पोल और विद्युत तार पर पेड़ गिर गए थे। नगर समेत छितौना व तहसील फीडर की विद्युत सप्लाई बहाल कर दिया गया है। रविवार से ठप हुई बिजली आपूर्ति :
चिलकहर : तेज हवा के कारण चिलकहर, जाम विद्युत उपकेंद्र से जुड़े कई गांवों में रविवार से बिजली गुल हो गई है। शनिवार की शाम के बाद रविवार की दोपहर में आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि के हुई थी। तीसरे दिन सोमवार को सुबह फिर एक बार आंधी आने से परेशानी और बढ़ गई है। इससे सब्जी की खेती व आम को काफी क्षति हुई है।
आज व्यवस्था दुरूस्त होने की उम्मीद :
इंदरपुर : सलेमपुर व नगरा विद्युत उपकेंद्र के छह दर्जन गांवों में शनिवार से बिजली गुल है। कुरेजी, सलेमपुर, बड़सरी, बछईपुर, दोघरा सहित अन्य गांवों में आंधी से आधा दर्जन खंभे टूट गए हैं। बिजली विभाग के कर्मचारियों के अनुसार मंगलवार तक व्यवस्था दुरूस्त हो पाएगी।