तिलापुर का जालीदार स्पर सरयू में विलीन, दहशत

सरयू के जलस्तर में वृद्धि होने से टीएसटी बंधा के तटवर्ती गांवों के लोग दहशत में हैं। चांदपुर में नदी खतरा बिदु से

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 04:56 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 06:20 PM (IST)
तिलापुर का जालीदार स्पर सरयू में विलीन, दहशत
तिलापुर का जालीदार स्पर सरयू में विलीन, दहशत

जागरण संवाददाता, रेवती (बलिया): सरयू के जलस्तर में वृद्धि होने से टीएसटी बंधा के तटवर्ती गांवों खतरा बढ़ गया है। चांदपुर में नदी खतरा बिदु से 88 सेमी ऊपर पहुंच गई है। वहीं जलस्तर बढ़ने से नदी का दबाव बंधे पर लगातार बढ़ता जा रहा है जबकि डेंजर जोन तिलापुर में बनाया गया पांच मीटर लंबा जालीदार स्पर सोमवार की सुबह नदी में समाहित गया। पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। इसके बावजूद कोई जिम्मेदार या विभागीय अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।

ग्रामीणों का कहना है कि जल्द निरोधात्मक कार्य नहीं किया गया तो बंधे को बचा पाना कठिन होगा। बंधे के उत्तर साइड फ्लड जोन में बसे नवकागांव के पासवान बस्ती, धूपनाथ और बैजनाथ यादव के डेरा के लोगों का संपर्क कट चुका है और ये बस्तियां बाढ़ के पानी से घिर गई हैं। उधर सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र के कठौड़ा स्थित जंगली बाबा धाम के दीवार से सरयू का पानी टकराने लगा है। इसके चलते मंदिर पर खतरा मंडराने लगा है। मंदिर के बगल में दो दशक पूर्व बना ठोकर सरयू में विलीन हो चुका है। इसके चलते मंदिर पर पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि तत्काल मंदिर के पिछले हिस्से में ठोकर का निर्माण नहीं कराया गया तो मंदिर भी सरयू नदी में विलीन हो जाएगा।

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रेगुलेटर रिसाव से जलमग्न हुई हजारों एकड़ फसल

रेवती (बलिया ): टीएस बंधा के देवपुर मठिया रेगुलेटर से लगातार हो रहे रिसाव के कारण बंधे के दक्षिण स्थित दर्जनों गांवों के हजारों एकड़ धान की फसल पूरी तरह जलमग्न हो गई है। क्षेत्र के भाखर, बघमरिया, वशिष्ठनगर प्लाट, दलछपरा, श्रीनगर, चौबेछपरा, छेड़ी, मूनछपरा, अचलगढ़, लक्ष्मीपुर तथा चौरासी के अलावा भैसहां, मरौटी, हड़िहाकला, छपरा सारिव व कुसौरीकला के खेत पानी में डूब गये हैं। उधर रेगुलेटर के रिसाव से कोलनाला कुंड का पानी भटवलिया व रेवती (तिवारी मार्केट) में सड़क तक पहुंच गया है। लोगों ने कहा कि बार-बार ध्यान आकर्षित किए जाने के बाद भी रिसाव रोकने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। पिछले वर्ष भी इसी तरह हजारों एकड़ फसल डूब गई थी। लोगों ने जिलाधिकारी समेत विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए रिसाव को तत्काल बंद कराने की मांग की है।

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