ददरी मेले ने की खूब कमाई, अब शुरू विदाई

ऐतिहासिक ददरी मेले अब विदाई की मुकाम पर आकर खड़ा हो चुका है। आज भर मेला चलेगा और कल से लगभग दुकानदार मेले से विदा हो जाएंगे। बाहर के सभी दुकानदार अब अपने सामानों को कम कीमत में भी बेच कर यहां से निकलने के मूड में हैं। मेले के वे दुकानदार, जिनके सामान खत्म हो गए थे, वे मेले से अपनी दुकान लेकर जा भी चुके हैं। सबसे खास यह कि इस बार का ददरी मेला आय के मामले में काफी अच्छा रहा है। आखरी चरण में भी लोग काफी सुख्या में खरीदारी करने पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Dec 2018 10:27 PM (IST) Updated:Sat, 15 Dec 2018 10:27 PM (IST)
ददरी मेले ने की खूब कमाई, अब शुरू विदाई
ददरी मेले ने की खूब कमाई, अब शुरू विदाई

ददरी मेला

--14 दिसंबर तक ददरी मेले की आय 60 लाख 57 हजार रुपये

--आखरी समय में कम रेट में सामानों की खरीदारी में जुटे है लोग ददरी मेला से इनकम का आकड़ा

पशु मेला-वर्ष-2017-11,75,470 रुपये

पशु मेला-वर्ष-2018-18,84,965 रुपये

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ददरी मेला-वर्ष-2017-20 लाख 38 हजार, 890 रुपये

ददरी मेला-वर्ष-2018-60 लाख 57 हजार रुपये, 14 दिसंबर तक

------------------------------------------------------ जागरण संवाददाता, बलिया : ऐतिहासिक ददरी मेले अब विदाई की मुकाम पर आकर खड़ा हो चुका है। आज भर मेला चलेगा और कल से लगभग दुकानदार मेले से विदा हो जाएंगे। बाहर के सभी दुकानदार अब अपने सामानों को कम कीमत में भी बेच कर यहां से निकलने के मूड में हैं। मेले के वे दुकानदार, जिनके सामान खत्म हो गए थे, वे मेले से अपनी दुकान लेकर जा भी चुके हैं। सबसे खास यह कि इस बार का ददरी मेला आय के मामले में काफी अच्छा रहा है। आखरी चरण में भी लोग काफी संख्या में खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। खास कर नगर के लोग आखिरी चरण में ही बड़े-बड़े सामानों जैसे पलंग, फर्नीचर या अन्य घरेलु सामानों की खरीदारी कर रहे हैं। वह परंपरा इस साल भी कायम है। इस साल नंदी ग्राम पुश मेला और ददरी मेला दोनों से अच्छे आय की बात नगरपालिका की ओर से बताया जा रहा है। नगर अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि 14 दिसंबर तक ददरी मेले से नगरपालिका को 60 लाख 57 हजार आय हुई हैं। जबकि नदी ग्राम के पशु मेले से 18 लाख 84 हजार 965 रूपये आय है, जो पिछले साल की तुलना में बहुत ही ज्यादा है। मेले के समापन के संबंध में कहा कि आज रविवार को मेला चलेगा, लेकिन सोमवार से मेले समाप्त हो जाएगा। --मेले में उमड़ी भारी भीड़

ददरी मेले में शनिवार को काफी भीड़ जाम रही। स्वेटर, वर्तन, बक्से आदि की दुकानों पर भारी संख्या में लोग उमड़ पड़े। सभी की सोच यह थी कि आज मेले में काफी सस्ते रेट में सामान मिलेगा। इसलिए आज लोग मेला घूमने कम खरीदारी करने की नीयत से ज्यादा संख्या में पहुंचे थे। इस मौके का फायदा उठाने में दुकानदार भी पीछे नहीं थे। वे भी मेले में अपनी-अपनी दुकानों पर चिल्ला रहे हैं। चार सौ का सामान दो सौ में, दौ सौ का सामान सौ में। इतना सुन महिलाएं एक तरह से टूट पड़ी थी। इनसेट--कई यादों को छोड़ व जोड़ गया मेला

ददरी मेला हर साल कुछ न कुछ विशेष यादों को छोड़ व जोड़ जाता है। इस साल भी वह परंपरा कायम रही। मेले के भारतेंदु मंच पर इस साल और भी बड़े कलाकारों ने मंच की शोभा को बढ़ाया। मुशायरा में राहत इदौरी, भजन संध्या में अनुराधा पौडवाल और कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास ने तो कुछ अलग ही मिशाल कायम की। सभी मानते हैं कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजनों से ददरी मेला को राष्ट्रीय चर्चाओं में शामिल होने का अवसर मिला। इससे अलग गांव-ज्वार की भी कई यादें इस मेले में हर साल कैद होकर रह जाती है। जनपद के ऐसे लोग जो जनपद से बाहर रहते हैं, वे जब मेला देखकर दूसरे जगह जाते हैं तो इस मेले की चर्चा दूसरे स्थान के लोगों से करते नहीं थकते हैं। --650 से से भी ज्यादा लगी थी दुकानें

कार्तिक पूर्णिमा के दिन से लगने वाले ददरी मेले में इस साल 650 से भी ज्यादा दुकानें लगी थीं। यहीं दुकानों ने नगरपालिका को यह आय दिया है। ऐसा भी नहीं कि मेले में आने वाले दुकानदार अपनी बिक्री को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। इस साल उनकी इनकम भी हर साल से अच्छी रही है। मेले से विभिन्न सामानों की खरीदारी में इस साल भी पुरुषों के अपेक्षा महिलाएं आगे रहीं।

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