बगैर जांच कोविड का मनमाना इलाज हो सकता है जानलेवा
----------------- जागरण संवाददाता बलिया अगर सर्दी खांसी जुकाम बुखार सांस फूलने लगातार
----------------- जागरण संवाददाता, बलिया : अगर सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, सांस फूलने, लगातार उल्टी-दस्त, आंखों में खुजली व गले में खरास जैसे कोई लक्षण नजर आएं तो कोविड की जांच अवश्य करवानी चाहिए। ऐसे लक्षण दिखने पर बगैर जांच कराए इंटरनेट मीडिया या अपुष्ट स्त्रोतों से दवाओं के नाम लेकर मनमाना इलाज जानलेवा हो सकता है। कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो चिकित्सक या रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के सुझाव पर ध्यान देना होगा। होम आइसोलेशन या फिर अस्पताल का विकल्प चुन कर ही इलाज करवाना चाहिए। अगर इन लक्षणों के साथ रिपोर्ट निगेटिव है तब भी सतर्कता बनाये रखना है और चिकित्सक के परामर्श से ही इलाज करवाना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि कुछ मरीज कोविड से मिलते-जुलते लक्षण आने पर घर में बिना किसी चिकित्सकीय परामर्श के इलाज शुरू कर दे रहे हैं। स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने पर ऐसे लोग अस्पतालों का रूख करते हैं। समय से सही लाइन ऑफ ट्रीटमेंट न मिलने के कारण कोविड होने की स्थिति में ऐसे लोगों के फेफड़े ज्यादा खराब हो जाते हैं, जिससे मुश्किल बढ़ जाती है। सरकार ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट की नीति पर कार्य कर रही है। ---------------- कोविड टेस्ट के फायदे
पॉजिटिव मरीज के घर प्रामाणिक औषधियां आरआरटी की मदद से पहुंच पाती हैं। मरीज आरआरटी से काउंसिलिग प्राप्त कर पाता है। उसे सभी चिकित्सकों के नंबर मुहैया कराए जाते हैं जहां से उचित परामर्श मिलता है। ------ कोविड टेस्ट न कराने के नुकसान
मरीज तक सभी सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं पहुंच पाता है। अपुष्ट और अप्रामाणिक दवाएं मरीज के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। परिवार में कोविड प्रोटोकॉल का पालन गंभीरता से न होने से कई अन्य लोग खतरे की जद में होते हैं।