इस ज्ञान के भंडार से कंपटीशन की राह हुई आसान..

ज्ञान के विशाल भंडार संग स्थापित हुए बिल्थरारोड के पुस्तकालय से युवाओं के कम्पटीशन की राह आसान सी हो गई है। महज डेढ़ वर्ष पहले बिल्थरारोड में नगरपंचायत द्वारा सुभाषचंद्र बोस पुस्तकालय नाम से खुला एकलौता पुस्तकालय खासकर गरीब छात्राओं व कम्पटीशन की तैयारी करने वाले युवाओं के लि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 10:22 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 10:22 PM (IST)
इस ज्ञान के भंडार से कंपटीशन की राह हुई आसान..
इस ज्ञान के भंडार से कंपटीशन की राह हुई आसान..

जागरण संवाददाता, बिल्थरारोड (बलिया) : ज्ञान के विशाल भंडार संग स्थापित हुए बिल्थरारोड के पुस्तकालय से युवाओं के कंपटीशन की राह आसान सी हो गई है। महज डेढ़ वर्ष पहले बिल्थरारोड में नगर पंचायत द्वारा सुभाषचंद्र बोस पुस्तकालय नाम से खुला इकलौता पुस्तकालय खासकर गरीब छात्राओं व कंपटीशन की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए ज्ञान पाने का सबसे बड़ा सहारा बन गया है। डिजिटल युग में जहां आज अधिकांश पुस्तक आनलाइन मिलने लगी है और हाथों-हाथ एंड्रायड मोबाइल फोन में युवा उलझे रह रहे हैं। बावजूद गरीब छात्रों एवं युवाओं के लिए हजारों पुस्तकों से समृद्ध इस लाइब्रेरी की उपयोगिता किसी यूनिवर्सिटी से निशुल्क ज्ञान पाने जैसा है। हालांकि बिल्थरारोड के सीनियर सिटीजन का एक बड़ा बुद्धिजीवी वर्ग इस पुस्तकालय से दूर सा है। जहां इनका यदा कदा ही आगमन हो पाता है। इस लाइब्रेरी में रामचरित मानस, वेद, पुराण, कुरान समेत तमाम ग्रंथों संग प्रेमचंद्र, शरतचंद्र, हरिवंश राय बच्चन, स्वेट मार्डन, रंगेय राजन, जयशंकर प्रसाद, र¨वद्रनाथ टैगोर, अब्दुल कलाम, संजय गुप्ता, जुलेवर्न, अलेक्जेंडर ड्यूमा आदि बड़े लेखकों की प्रसिद्ध पुस्तकें, महापुरुषों की बायोग्राफी, प्रमाणिक विभिन्न भाषाओं की डिक्शनरी समेत छोटे-बड़े, महिलाओं समेत सभी वर्ग के लिए उपयोगी पुस्तकों का विशाल भंडार है। कंपटीशन की तैयारी करने वाले युवाओं व छात्रों की मांग पर नगर पंचायत प्रशासन ने कम्प्यूटर, भौतिकी, रसायन, अंग्रेजी, गणित, ¨हदी, समाजशास्त्र, कृषि, संस्कृत, खेल समेत विभिन्न विषयों के भी पुस्तकों का उपयोगी संग्रह की व्यवस्था की गई। इसके बाद बड़ी संख्या में छात्र व युवा यहां हर रोज पहुंचकर घंटों एकाग्रता से स्वयं अध्ययन कर अपने विषय ज्ञान को मजबूत करते हुए स्वयं को बड़े कंपटीशन के लिए तैयार करते हैं। लगभग हर रोज करीब दो से तीन घंटे तक यहां अध्ययन करने वाले रितेश जायसवाल, जमीर अहमद, सुमित मौर्य व अजय साहनी ने बताया कि बढ़ती बेरोजगारी और टाइट कंपटीशन के लिए स्वयं को तैयार करने को किताबों के अध्ययन जरुरी होता है ¨कतु महंगाई के कारण वे हर किताब नहीं खरीद पाते। किताबों के अभाव से अक्सर तनाव व उलझन में वे एकाग्रता से अध्ययन भी नहीं कर पाते थे ¨कतु अब इस पुस्तकालय में हर विषय व बड़े लेखकों के पुस्तकों की उपलब्धता ने उनकी तैयारी आसान कर दी है। वहीं नए शोध के लिए स्वयं को तैयार किया जा सकता है। -------------वर्जन-----

आदर्श नगर पंचायत सुभाषचंद्र बोस पुस्तकालय जल्द ही पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड हो जाएगा और यहां पाठकों को आनलाइन डिजिटल बुक स्टडी की सुविधा बढ़ाई जाएगी। इससे पुस्तकालय में अनुपलब्ध पुस्तकों को भी आनलाइन पाठकों को यहां अध्ययन के लिए कम्प्यूटर लगा दिया जायेगा और आवश्यकतानुसार पाठक यहां एक रुपया प्रति कापी के हिसाब से पुस्तकों का ¨प्रट भी प्राप्त कर सकेंगे। बताया कि पुस्तकों के प्रति लोगों का यहां लगाव बढ़ा है और पुस्तकालय के अभाव की अहमियत समझने वाले लोगों में काफी खुशी है।

-दिनेश गुप्ता, चेयरमैन, नगर पंचायत, बिल्थरारेाड।

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