चित्तू पांडेय क्रासिग पर नहीं बनाएंगे अंडरपास, मसौदा रिजेक्ट
जागरण संवाददाता बलिया शहर को जाम से छुटकारा दिलाने की मंशा से मार्च 2021 में पहल शुरू
जागरण संवाददाता, बलिया : शहर को जाम से छुटकारा दिलाने की मंशा से मार्च 2021 में पहल शुरू हुई। चित्तू पांडेय क्रासिग पर बनाने की कार्ययोजना बनाई गई। न्याय, रेलवे व प्रशासनिक अधिकारी एक मंच पर आए। बैठक हुई और नई उम्मीद जगी। निर्देश मिले कि रेलवे विभाग व सेतु निगम संयुक्त रिपोर्ट तैयार करे, उस पर कमेटी अध्ययन करे। करीब छह महीने से चल रही कसरत पर विराम लग गया। रेलवे के इंजीनियरों ने पाया कि प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारा नहीं जा सकता है। चूंकि क्रासिग के दोनों तरफ बड़े निर्माण हैं। जिन्हें तोड़ने में बवाल हो सकता है। यहां पर जगह भी एकदम कम है, इसके चलते अंडरपास बनाना मुश्किल है। ऐसे में रेलवे ने अपनी रिपोर्ट में अंडरपास की संभावना से साफ तौर पर इन्कार कर दिया है। बता दें कि चित्तू पांडेय चौराहा शहर में जाम का मुख्य केंद्र है। क्रासिग के दक्षिण तरफ शहर जबकि उत्तर दिशा में रोडवेज बस स्टेशन, कचहरी व 90 प्रतिशत सरकारी कार्यालय हैं। इस समय क्रासिग पर ट्रेनों का अत्यधिक दबाव है, इसके चलते हर आधा घंटे बाद क्रासिग गिरी रहती है। जनता को जाम का दंश झेलना पड़ रहा है। रेलवे के जेई कमेलेश कुमार ने बताया कि अंडरपास बनाने की कोई संभावना नहीं है। इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया है।
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नॉन स्टापेज होने से बढ़ी परेशानी बलिया से फेफना के बीच रेलवे लाइन दोहरीकरण के दौरान सागरपाली स्टेशन को नॉन स्टापेज घोषित कर दिया गया है। इसके चलते चित्तू पांडेय क्रासिग पांच मिनट के स्थान पर अब 15 मिनट तक बंद हो रहा है। इससे जनता को जाम से जूझना पड़ रहा है। बता दें कि अंडरपास निर्माण में आर ही बाधाओं को दूर करने के लिए रेलवे ने मार्च 2020 में डीएम को पत्र लिखा था। लेकिन मामला लंबे समय से ठंडे बस्ते में चला गया। दोबारा कोशिशें शुरू हुईं लेकिन फिर से नया झटका लगा है।