दबंगों की पिटाई से दुकानदार की मौत

अंडा की दुकान पर दबंगों ने किया लाठी-डंडे से हमला दुकानदार की मौत

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 05:20 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 06:20 PM (IST)
दबंगों की पिटाई से दुकानदार की मौत
दबंगों की पिटाई से दुकानदार की मौत

जागरण संवाददाता, सिकन्दरपुर (बलिया): नगर पंचायत के गंधी मोहल्ले में सोमवार की सुबह दबंगों ने अंडा दुकानदार मुर्शीद (50) की जमकर पिटाई की। इस दौरान मुर्शीद की मौत हो गई वहीं उनके पुत्र जाहिद (17) व तोहिद (20) गंभीर रूप से घायल हो गए। इन दोनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। इस घटना से कस्बे में दहशत व तनाव व्याप्त हो गया। पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी में जुट गई है।

गंधी मोहल्ले में मुर्शीद के पड़ोस का एक व्यक्ति नशे की लिए पैसा मांग रहा था। इसको लेकर उससे विवाद हो गया। इस पर एक पक्ष के लोग मारपीट करने लगे। इसमें मुर्शीद का भतीजा नइम घायल हो गया था। पुलिस पीड़ित पक्ष को ही सिकन्दरपुर चौकी पर लेकर चली गई थी। वहां पर पुलिस ने दबाव बनाकर दोनों पक्षों के बीच सुलह-समझौता करा दिया। इसके बाद भी दोनों पक्षों में तनाव कायम था। सुबह मुर्शीद अपने अंडे की दुकान खोलने के लिए अपने पुत्र जाहिद व ताहिद के साथ गए थे। इसी बीच दूसरे पक्ष के लोग वहां पर लाठी-डंडा लेकर पहुंच गए। वहां पर सभी पिता व पुत्रों के पर लाठी डंडा बरसाने लगे। घटना में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

घायलों को स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मुर्शीद को मृत घोषित कर दिया। वहीं घायल उनके पुत्रों का इलाज चल रहा है। कुछ ही पल में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इधर घटना के बाद हमलावर भाग निकले। थानाध्यक्ष बालमुकुंद मिश्र ने बताया कि शनिवार को दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी। दोनों पक्ष सुलह समझौता कर लिए थे। इसके बाद फिर मारपीट कर लिए हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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पुलिस की लापरवाही मुर्शीद की मौत का कारण

पुलिस ने अगर दो दिन पूर्व हुई मारपीट की घटना को गंभीरता से लिया होता तो शायद मुर्शीद की जान न जाती। पुलिस पीड़ित पक्ष को ही पकड़ कर चौकी पर ले गई और दबाव बनाकर सुलह करा दिया। इस पर विपक्षियों के हौसले और बढ़ गए। मृतक के पुत्र पप्पू खान ने बताया कि दो दिन पहले भी मेरे पिता को मारा पीटा गया था लेकिन पुलिस ने उल्टे हम लोगों को ही दो दिन चौकी में बैठा दिया था। इसके बाद विपक्षी से मिलकर जबर्दस्ती सुलह भी करा दिया। आरोप लगाया कि पुलिस की जानकारी में ही हमारे दुकान पर आकर तोड़फोड़ की गई। फिर मेरे पिता की हत्या कर दी गई।

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