फोटो--12 से 14 तक--ओम नम: शिवाय
मौनी बाबा शिव मंदिर-- मौनी बाबा शिव मंदिर नगर पंचायत रेवती के दहताल से सटे मौनी बाबा के स्
मौनी बाबा शिव मंदिर--
मौनी बाबा शिव मंदिर नगर पंचायत रेवती के दहताल से सटे मौनी बाबा के स्थान पर स्थित है। काफी लंबे समय से यह क्षेत्रवासियों की आस्था व विश्वास का केंद्र रहा है। सावन में यहां भक्तों की भीड़ जुटती है।
इतिहास--
बहुत पहले यहां संत मौनी बाबा का आश्रम था। 18वीं सदी में यहां सरयू नदी बहती थी। दो सौ वर्ष पूर्व मंदिर के समीपवर्ती गायघाट से बड़ी नाव द्वारा कुछ लोग हनुमान जी की प्रतिमा ले जा रहे थे। मौनी बाबा ने प्रतिमा मांगी। लोगों ने इनकार कर दिया। प्रयास के बावजूद नाव आगे नहीं बढ़ रही थी। अंतत: लोगों ने प्रतिमा मौनी बाबा को दे दी। उन्होंने पीपल के नीचे प्रतिमा स्थापित कर दी। सन् 1920 में यहां शिवलिग स्थापित कर मंदिर निर्माण हुआ। सौंदर्यीकरण का कार्य भी प्रारंभ किया गया जो आज भव्यता को प्राप्त कर चुका है।
विशेषता
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मौनी बाबा शिव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से शिवलिग का जलाभिषेक व पूजन करने से व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। दह से सटे सुरम्य तट पर भव्य मंदिर होने से सुबह शाम श्रद्धालुओं का रेला लगा रहता है। सावन मास में बाबा के जलाभिषेक के लिए सुदूर क्षेत्रों से भी लोग आते हैं। वर्जन
वैसे तो वर्ष पर्यंत यहां लोग दर्जन-पूजन के लिए आते रहते हैं, लेकिन सावन, शिवरात्रि व अन्य पर्व त्योहार के समय भक्तों का तांता लग जाता है। सच्चे मन से आराधना करने पर भगवान भोलेनाथ व हनुमान जी की कृपा ²ष्टि भक्त पर अवश्य बनी रहती है।
अनुराग पांडेय (पुजारी)
वर्जन---
मैं प्रतिदिन प्रात: बेला में मंदिर दर्शन-पूजन के लिए जाता हूं। दर्शन से मुझे काफी शांति मिलती है। परिवार में भी सुख शांति रहती है।
राजेंद्र केशरी (सदस्य प्रबंध समिति)