तकनीकी तौर पर हाईटेक होने में की राह में दूर भृगुनगरी
जागरण संवाददाता बलिया देश प्रदेश के कई नगर और जनपद तकनीकी तौर पर हाईटेक हो रह
जागरण संवाददाता, बलिया : देश प्रदेश के कई नगर और जनपद तकनीकी तौर पर हाईटेक हो रहे हैं, लेकिन सूबे के अंतिम छोर पर ऐतिहासिक नगर बलिया अभी भी पिछली पंक्ति में खड़ा है। नई पीढ़ी को तकनीकी रोजगार के लिए अभी तक सार्थक कदम नहीं उठाए गए हैं। इंटरमीडिएट के बाद युवा आइटीआइ या पालीटेक्निक के विभिन्न ट्रेडों में प्रवेश लेकर अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं और महानगरों में जाकर प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। जिले में सरकारी छह और प्राइवेट 79 आइअीआइ कालेज हैं। दो पालीटेक्निक कालेज भी हैं। बैरिया के इब्राहिमाबाद में एक नया पालीटेक्निक कालेज बन रहा है। तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वाले युवाओं के लिए बलिया में अभी कोई ऐसे उद्योग नहीं हैं, जहां वह अपने लिए अवसर तलाश सकें। जिले में कुछ स्थानों पर प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र के फ्रेंचाइजी हैं, जहां पढ़ाई छोड़ चुके युवा तीन या चार ट्रेडों में से किसी एक का प्रशिक्षण प्राप्त कर बाहर में रोजगार के लिए जाते हैं, लेकिन ऐसे युवाओं की संख्या काफी कम है।
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प्रमुख व्यावसायिक गतिविधियां
: जनपद की प्रमुख व्यावसायिक गतिविधियों की चर्चा की जाए तो बलिया में कृषि व कुटीर उद्योग बहुत हैं। कोल्ड स्टोरेज अथवा राइस मिल आदि कृषि उत्पादों में हैं, वहीं बनरहीं माधोपुर में कुछ लघु उद्योग इकाइयां लगी हुई हैं। कुछ क्षेत्रों में परंपरागत उद्योग जैसे मनियर में बिदी उद्योग, हनुमानगंज का सिन्होरा उद्योग हैं, लेकिन इन उद्योगों को ऊंचाई नहीं मिल नहीं सकी। मनियर की बिदी तो ओडीओपी में चयनित है। इसके बाद भी इसका फैलाव दूर तक नहीं हो पा रहा है।
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व्यावसायिक विकास के लिए उठाने होंगे बड़े कदम : किसी भी जनपद में आर्थिक विकास हेतु कुछ जरूरी कारक होते हैं, जैसे परिवहन सुविधाएं, बिजली की उपलब्धता, मैन पावर योजना। जिले के आधारभूत ढांचे का विकास होने पर ही कुछ अच्छा रिजल्ट आ सकता है। बलिया आर्थिक व व्यावसायिक विकास की दौड़ में काफी पीछे है। तकनीकी विकास की दौड़ में सम्मानजनक स्थिति में लाने के लिए छोटे मोटे प्रयास की नहीं, बड़े कदम उठाने जरूरत है। सरकारी क्षेत्र का यदि एक भी बड़ा उद्यम यदि बलिया में स्थापित हो जाए तो उसके संपर्क से कई और भी संबंधित व्यवसाय विकसित हो जाएंगे। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट योजना की जगह सरकार यदि एक साथ पांच जिले की आवश्यकताओं पर काम करे तो स्थिति बदल सकती है।
- बलजीत सिंह, सीए
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प्रधानमंत्री कौशल केंद्र के लिए करूंगा प्रयास
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना केन्द्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है। इसके जरिये कम पढ़े लिखे या 10वीं, 12वीं कक्षा ड्राप आउट (बीच में स्कूल छोड़ने वाले) युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देती है। पीएमकेवीवाई में युवाओं को ट्रेनिग देने की फीस का सरकार खुद भुगतान करती है। इसकी मदद से 1.25 करोड़ युवा कुशलता प्राप्त कर चुके हैं। मेरा प्रयास होगा कि बलिया में भी एक बड़ा प्रधानमंत्री कौशल केंद्र खुले। वहां प्रशिक्षण के साथ-साथ युवाओं को योग्यता अनुसर जॉब देने की भी व्यवस्था होगी। इसके अलावा मै लघु इलाकइयों को स्थापित करने के लिए युवाओं को बैंकों से ऋण लेने की प्रक्रिया भी आसान की जाएगी।
- वीरेंद्र सिंह मस्त, सांसद, बलिया।