ऐतिहासिक ददरी मेले को बलिया उत्साहित

जागरण संवाददाता बलिया कार्तिक पूर्णिमा के दिन से बलिया में एक माह के लिए लगने वाले ददरी म

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:24 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:24 PM (IST)
ऐतिहासिक ददरी मेले को बलिया उत्साहित
ऐतिहासिक ददरी मेले को बलिया उत्साहित

जागरण संवाददाता, बलिया : कार्तिक पूर्णिमा के दिन से बलिया में एक माह के लिए लगने वाले ददरी मेला को लेकर लोग उत्साहित हैं। पिछले साल कोरोना महामारी को लेकर मेला स्थगित कर दिया गया था, लेकिन इस साल नगरपालिका परिषद ने मेला आयोजित करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। पांच नवंबर से पशु मेला शुरू होगा। आयोजन को लेकर अभी जिला प्रशासन की सहमति चाहिए। अधिकारी कोविड-19 की वर्तमान स्थिति का आकलन कर रहे हैं। इस समय जिला कोरोना मुक्त है। इस साल पुरानी परंपरा के अनुसार मेला होगा। लगभग पांच किमी में लगने वाले ददरी मेले की गिनती दशहरा से शुरू हो जाती है। भृगु नगरी में मेला राज्यस्तरीय पहचान की आस में बूढ़ा हो चला है।

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पूर्वांचल के कई जिलों से लोग पहुंचते

ददरी मेला में पूर्वांचल के कई जनपदों से लोग पहुंचते हैं। ददरी मेला गंगा की जलधारा को अविरल बनाए रखने के ऋषि मुनियों के प्रयास का जीवंत प्रमाण है। कभी मेले में भारतेंदु हरिश्चंद्र ने भारत वर्षोन्नति का मंत्र एक सदी पहले देकर आधुनिक भारत की परिकल्पना पेश की थी, लेकिन मेले के विकास के प्रति अब तक कोई ठोस पहल होती नहीं दिखी।

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जनता की आवाज

ददरी मेला आस्था का प्रतीक है। राज्यस्तरीय दर्जा दिलाने का हर साल वादा होता है लेकिन कभी भी मुकाम तक नहीं पहुंच पाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। -- चंदन ओझा, समाजसेवी प्रदेश सरकार में जिले की हमेशा भागीदारी रही है। मेला की अपनी जमीन नहीं होना दुखद है। अतिक्रमण तक रोकने में नगर पालिका असफल है। -- अनुज सरावगी, व्यापारी जिले की पहचान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मेला की अपनी भूमि होनी चाहिए। नगर पालिका तो अब मेला को भी लूट का साधन बना दिया है। --- अभय सिंह, समाजसेवी ददरी मेला को किसी सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया। भू-माफिया मेला क्षेत्र में प्लाटिग कर दिए। कोई सार्थक पहल नहीं करता। प्रशासन भी निष्क्रिय है। -- राहुल सिंह, समाजसेवी

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