गर्मी में चारा-पानी बिना तड़प रहे बेजुबान

जागरण संवाददाता बलिया चिलकहर ब्लाक के गोपालपुर में संचालित गो आश्रय केंद्र पर दो साल बाद

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 05:51 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 05:51 PM (IST)
गर्मी में चारा-पानी बिना तड़प रहे बेजुबान
गर्मी में चारा-पानी बिना तड़प रहे बेजुबान

जागरण संवाददाता, बलिया : चिलकहर ब्लाक के गोपालपुर में संचालित गो आश्रय केंद्र पर दो साल बाद भी बिजली की व्यवस्था नहीं हो सकी। इसके कारण सबमर्सिबल पंप भी नहीं लगाया जा सका है। यहां एक हैंडपंप के सहारे तीस पशुओं की प्यास बुझाई जाती है। ऐसे में मंगलवार को भीषण गर्मी में पशु प्यास से तड़पते दिखाई पड़े। यहां चहारदीवारी भी नहीं बन सकी है। इससे अंधेरे के समय पशुओं को जंगली जानवरों से खतरा बना रहता है।

यह तो बात हो गई एक गो आश्रय केंद्र की। ऐसे कई केंद्र हैं, जहां अव्यवस्थाएं व्याप्त हैं। चारे के नाम पर पशुओं को सूखा भूसा व पुआल दिया जा रहा है। गड़वार ब्लाक अंतर्गत शाहपुर गांव के झंगही मौजे में स्थित अस्थायी पशु आश्रय केंद्र पर पिछले माह 46 गोवंश रखे गए थे। मंगलवार को 35 बछड़े कमजोर हालत में सूखा भूसा खाते हुए मौके पर मिले। कर्मचारियों ने बताया कि पशुपालकों को सुपुर्द किया गया है। यहां भी बिजली की व्यवस्था नहीं होने से पानी के लिए परेशानी होती है। केंद्र से दूर लगे एक हैंडपंप से पानी लाना पड़ता है। इसमें मजदूरों की हालत खराब हो जाती है। पशु घंटों प्यासे रहते हैं।

बैरिया तहसील क्षेत्र के भगवानपुर स्थित गो आश्रय केंद्र की स्थिति दयनीय बनी हुई है। यहां तैनात कर्मियों के अनुसार 110 गोवंश हैं। यहां एक माह में आधा दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। दर्जनों पशुओं के बीच में सूखा पुआल या भूसा डाल दिया जाता है और बगल में पानी भर कर छोड़ दिया जाता है। गोपालपुर में चहारदीवारी का निर्माण जल्द कराया जाएगा। जिन केंद्रों पर बिजली कनेक्शन नहीं हैं, वहां वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत स्तर से स्टीमेट तैयार कराए गए हैं। चरणबद्ध तरीके से सभी कार्य कराए जा रहे हैं।--डा.अशोक मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।

chat bot
आपका साथी