आटो बायोकेमिस्ट्री एनलाइजर खराब, मशीन से खून की जांच बंद

जागरण संवाददाता बलिया जिला महिला अस्पताल की पैथोलाजी की ऑटो बायोकेमिस्ट्री एनलाइजर मशीन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:27 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:27 PM (IST)
आटो बायोकेमिस्ट्री एनलाइजर खराब, मशीन से खून की जांच बंद
आटो बायोकेमिस्ट्री एनलाइजर खराब, मशीन से खून की जांच बंद

जागरण संवाददाता, बलिया : जिला महिला अस्पताल की पैथोलाजी की ऑटो बायोकेमिस्ट्री एनलाइजर मशीन खराब हो गई है। इसके चलते मशीन से खून की जांच बंद हो गई है। अब मैनुअल तरीके से जांच करानी पड़ रही है। यह समस्या करीब चार दिन से है। मशीन की खराबी ठीक करने के लिए लखनऊ की साइरस कंपनी को पत्र लिखा गया है। कंपनी ने अगले हफ्ते में मशीन को ठीक करने की बात कही है। बता दें कि यहां औसतन 500 रोगियों की ओपीडी रोज चलती है। इसमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। वे निजी लैब से खून की जांच कराने को विवश हैं। उधर अस्पताल प्रबंधन मैनुअल तरीके से जांच कर रहा है, लेकिन ज्यादातर रोगों से संबंधित जांचें नहीं हो रही हैं। मैनुअल जांच सिर्फ 35 से 40 हो पा रही हैं। बताते चलें कि सभी रोगियों को मधुमेह, संक्रमण, किडनी व लिवर के लिए दर्जनों नि:शुल्क जांच की सुविधा है, लेकिन इस समय सिर्फ प्रेग्नेंसी और ब्लड़ ग्रुप सहित अन्य जांचें मैनुअल की जा रही हैं।

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केस 1 : बाहर से जांच कराने पर लगे 1100 रुपये

शुक्रवार को दोपहर 12 बजे महिला अस्पताल में पहुंची लालगंज निवासी गर्भवती निवासी रीता देवी ने बताया कि आज सुबह से समस्या हो रही थी। महिला चिकित्सक से चेकअप करवाया तो उन्होंने ब्लड जांच करवाने की सलाह दी। पैथोलाजी में कर्मचारी ने एक जांच बाहर से करवाने की सलाह दी।बाहर जांच हुआ लेकिन 11 सौ रुपये खर्च हो गए। कुछ दवा बाहर से लेना था वह पैसा नहीं होने की वजह से नहीं ले पाई। केस 2 : नहीं हुई खून की जांच, मरीज नहीं हुआ भर्ती

मुबारकपुर गांव निवासी पूजा खरवार को चार दिन पहले बेटी हुई, लेकिन वह काफी कमजोर है। शुक्रवार को दोपहर सवा 12 बजे वह बेटी को लेकर महिला अस्पताल आई। लंबी लाइन में लगी और बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाया तो उन्होंने बच्चे के खून की जांच कराने की सलाह दी। वह ढाई घंटे बाद सिक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में दिखाया तो डॉक्टर ने बल्ड रिपोर्ट लेकर आने के बाद भर्ती करने की बात कही।

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कोट

मशीन की खराबी दूर करने के लिए कार्यदायी कंपनी को पत्र लिखा गया है। कंपनी के अधिकारियो ने एक सप्ताह बाद समस्या दूर कराने की सहमति दी है। अभी मैनुअल जांच हो रही है। विशेष परिस्थितियों में जिला अस्पताल स्थित पैथोलॉजी को खून की जांच के लिए कहा जा रहा है।

-- डा. सुमिता सिन्हा, सीएमएस, जिला महिला चिकित्सालय

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