सेना के जवान ने गांव में संभव की श्वेत क्रांति

जागरण संवाददाता नरही (बलिया) कोई भी इंसान यदि अपना आलस्य त्याग दे तो मंजिल उससे दूर नहीं

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 05:43 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 05:43 PM (IST)
सेना के जवान ने गांव में संभव की श्वेत क्रांति
सेना के जवान ने गांव में संभव की श्वेत क्रांति

जागरण संवाददाता, नरही (बलिया) : कोई भी इंसान यदि अपना आलस्य त्याग दे तो मंजिल उससे दूर नहीं रहती। नरही के कर्णपुरा गांव में एक सेना के जवान ने इस कथन को अपने जीवन में उतार कर गांव में श्वेत क्रांति ला दी है। इस गांव के निवासी बृजेश राय जो वर्तमान समय में सेना में कार्यरत हैं लेकिन उन्होंने नौकरी में रहते हुए गांव में अपने भाई के माध्यम से बड़ा डेयरी उद्योग खड़ा कर दिया है। उनको डेयरी उद्योग की प्रेरणा हरियाणा में प्रवास के दौरान मिली। उन्होंने देखा कि वहां हर कोई पुशपालन कर अच्छी-खासी कमाई कर रहा है। उसके बाद वे हरियाणा से ही मुर्रा नस्ल की 30 भैंस गांव लाए और डेयरी का कारोबार अपने भाई राजेश राय की देखरेख में शुरू करा दिए। अब उनके पास 90 के करीब भैंस पहुंच गई हैं। इनकी डेयरी से प्रतिदिन 250 लीटर दूध निकलता है।

महीने में 70 से 80 हजार की बचत :

राजेश ने बताया कि इस डेयरी से कई लोगों का रोजगार भी मिला है। कोई पशुओं की देखभाल करता है तो कोई दूध लेकर शहर जाने का काम करता है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एक बार तो लगा कि इसे बंद करना पड़ेगा। पूंजी के हिसाब से मुनाफा नहीं आ रहा था लेकिन भैंसों ने जब बच्चा देना शुरू किया तो मुनाफा जयादा होने लगा। भैंसों से जो गोबर जमा होता है, उससे खाद तैयार होती है। आसपास के किसान उसे अपने खेतों में डालने के लिए ले जाते हैं। डेयरी से महीने में 70 से 80 हजार की बचत हो जाती है।

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