आजीवन संघ की पताका लेकर चले अमीरचंद

जागरण संवाददाता बलिया संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री व जिले के हनुमानगंज निवासी अमीर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:42 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:42 PM (IST)
आजीवन संघ की पताका लेकर चले अमीरचंद
आजीवन संघ की पताका लेकर चले अमीरचंद

जागरण संवाददाता, बलिया : संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री व जिले के हनुमानगंज निवासी अमीरचंद के निधन से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। वे 56 वर्ष के थे। रविवार को उनके दरवाजे पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी दिन भर उनके दरवाजे पर पहुंचते रहे।

अमीरचंद अपने गांव से हमेशा गहरा नाता रखते थे। वे आजीवन संघ की पताका लेकर चलते रहे। वे गांव में संस्कार भारती की तरफ से कई बार आयोजन करा चुके थे। छह माह पहले वह गांव आए थे। इसके बाद से वह अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में प्रवास पर गए थे। वहीं पर शनिवार की शाम करीब 7.15 बजे उन्हें हृदयाघात हुआ। उन्हें पास के आर्मी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। चिकित्सकों के प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।

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सुबह हुई भाई से बात, शाम को दुखद सूचना

गांव पर रहने वाले उनके भाई ताराचंद से उनकी शनिवार की सुबह सात बजे के आसपास बातचीत हुई थी। ताराचंद ने बताया कि उस समय पूरी तरह से ठीक थे। बातचीत में उन्होंने घर-परिवार, रिश्तेदार व गांव का हालचाल पूछा था। इसके बाद देर शाम उन्हें भर्ती कराए जाने की सूचना अरुणाचल प्रदेश से मिली। फिर पांच मिनट बाद वाराणसी से संगठन के रवींद्र राय ने मोबाइल फोन पर बताया कि अब वे हम सभी के बीच नहीं रहे। इस पर सभी विचलित हो गए।

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चार भाइयों में थे सबसे छोटे : अमीरचंद अपने चार भाई व तीन बहनों में छोटे थे। गांव पर भाई ताराचंद रहते हैं। बड़े भाई राजेंद्र व प्रेमचंद कोलकाता में व्यापार करते हैं। स्वजनों के काफी प्रयास के बाद भी अमीरचंद ने शादी नहीं की थी। पूर्व प्रधान गोपालजी गुप्ता ने बताया कि सभी ग्रामीणों को उन पर नाज था। किसी भी समस्या या संकट की घड़ी में लोग उन्हें याद करते थे। प्रधान टाइगर तिवारी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए यादें साझा कीं।

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गंगा तट पर होगा अंतिम संस्कार : संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीरचंद का अंतिम संस्कार महावीर घाट गंगा तट पर होगा। बड़े भाई ताराचंद ने बताया कि रविवार की रात 11 बजे तक पार्थिव शव पहुंचने की सूचना मिली है। शव अरुणाचल प्रदेश से चार्टर प्लेन से वाराणसी आएगा, जहां से सड़क मार्ग से हनुमानगंज उनके पैतृक गांव लाया जाएगा। सोमवार को 10 बजे शव यात्रा हनुमानगंज से निकलेगी।

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बचपन से ही संघ के विचारों से थे प्रभावित : अमीरचंद का जन्म जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर हनुमानगंज में ब्रह्माइन गांव में एक अगस्त, 1965 को हुआ था। पिता स्व. अवधकिशोर व माता का नाम गुलजरिया देवी था। अमीरचंद की अपने धर्म व संस्कृति के प्रति रुचि बचपन से ही थी। वह आरएसएस के विचारों से हमेशा प्रभावित रहते थे। उनके परिवार का मुख्य पेशा व्यापार था। धार्मिक व आध्यात्मिक अनुष्ठानों से वह हमेशा जुड़े रहे। इनके पिता अवधकिशोर 1971 में सपरिवार ब्रह्माइन गांव से हनुमानगंज में आकर बस गए थे।

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1985 में बने थे संघ के प्रचारक : अमीरचंद वर्ष 1985 में संघ के प्रचारक बने और वर्ष 1987 में उन्हें संस्कार भारती में जिम्मेदारी दी गई। वह 1987 में पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रांत संगठन सचिव बने। इसके बाद से वह संस्कार भारती में ही उत्तर प्रदेश, बिहार, कोलकाता और दिल्ली में विभिन्न दायित्वों पर रहते हुए वह अक्टूबर 2018 में संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री बने।

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