स्वच्छता की कसौटी पर प्रदेश के 51 नगरीय निकाय फेल
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त क्वालिटी कंट्रोल आफ इंडिया (क्यूसीआइ) क
संग्राम सिंह, बलिया
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त क्वालिटी कंट्रोल आफ इंडिया (क्यूसीआइ) की टीम बांसडीह नगर पंचायत में आई थी। फरवरी में स्वच्छता की कसौटी पर सुविधाओं को परखा गया। वे दो सामुदायिक शौचालय देखे तो वहां पर टिश्यू पेपर नहीं मिला। हाथ धोने के लिए साबुन अथवा सैनिटाइजर भी नहीं मिले। सफाई व्यवस्था भी औंधे मुंह गिरी हुई थी। नगर पंचायत ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी कि उनके यहां स्वच्छता के सारे मानक शत-प्रतिशत पूरे किए जा रहे हैं। क्यूसीआइ ने दावे की ऐसी हवा सिर्फ बड़ागांव ही नहीं, बल्कि नगर पालिका परिषद बलिया व नगर पंचायत मनियर, चितबड़ागांव और सहतवार में भी निकाल दी। इसके बाद स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक अनुराग यादव ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की। कार्रवाई के दायरे में प्रदेश के कुल 51 नगरीय निकाय आ गए। कमियां ठीक कराने की विभागीय कोशिशें शुरू हुईं। एक महीने तक चली कसरत के बाद बलिया, बड़ागांव व सहतवार ने स्थिति सुधार ली, लेकिन चितबड़ागांव और मनियर नगर पंचायतें फिर से फेल हो गई हैं। यहां स्वच्छता के मानक फेल हो गए। अब दोनों निकाय समेत पूर्वांचल के कई अधिशासी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू हो चुकी है। जवाब तलब कर लिया गया है।
11 नगरीय निकायों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश
क्यूसीआइ की टीम स्वच्छता का नियम अनुपालित किए जाने की मंशा से हर छह महीने पर आती है। 2020 में बलिया के सहतवार समेत प्रदेश के 11 नगर निकायों के ईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश स्वच्छ भारत मिशन के डायरेक्टर ने कर दी है। वे अपने निकायों को ओडीएफ प्लस नहीं करा पाए हैं। यहां ओडी स्पॉट नहीं है, जबकि शौचालयों का रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है। कई जिलों के निकायों में स्वच्छता के नियम टूटे
सोनभद्र के रेनूकूट व ओबरा, चंदौली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर व चकिया, मऊ में दोहरीघाट व गाजीपुर में सादात नगर पंचायत में स्वच्छता के नियम टूट चुके हैं। जनता परेशान है। हर बार इन्हीं गड़बड़ियों के चलते स्वच्छता की रैंकिग प्रभावित रही है। प्रमुख सचिव ने निकायों की व्यवस्था सुधारने को कहा है। बलिया नगर पालिका की स्थिति ओडीएफ प्लस में फरवरी में खराब थी। हम फेल हो गए थे, लेकिन हमने सुधार किया। अब नगर पालिका ओडीएफ प्लस घोषित हुआ है। चितबड़ागांव व मनियर सफल नहीं हो पाए। नगरीय सुविधाओं पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
- दिनेश विश्वकर्मा, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद बलिया