जिले में दो दशक में घटी 50 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि

लवकुश सिंह बलिया जनपद में गंगा और सरयू के चलते कभी जमींदार कहलाने वाले कई किसानों के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:38 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:38 PM (IST)
जिले में दो दशक में घटी 50 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि
जिले में दो दशक में घटी 50 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि

लवकुश सिंह, बलिया : जनपद में गंगा और सरयू के चलते कभी जमींदार कहलाने वाले कई किसानों के पास आज खुद की खेती के लिए भूमि नहीं बची। जिले में दो दशक में लगभग 50 हजार हेक्टेयर जमीन गंगा और सरयू के कारण नदी में समाहित हो गई। इस वजह से अब हजारों किसान दूसरे से लगान पर खेत लेकर खेती कर रहे। मसलन, बैरिया के सिताबदियारा से मांझी के जयप्रभा सेतु तक सरयू सात किमी दूरी तक बहती है। यह नदी एक दशक पहले सिताबदियारा से चार किमी दूर रिविलगंज के पास बहती थी, लेकिन 2014 तक सात किमी लंबाई में किसानों की जमीन को निगलते हुए चार किमी का सफर तय कर ली।

900 हेक्टेयर किसानों की जमीन नदी में समाहित हो गई, इससे 600 किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए। गांव के दूसरे छोर पर गंगा टीपूरी और भवन टोला से पांच किमी दूर आरा के सिन्हा के पास बहती थी। गंगा का रूख भी दो दशक से इसी गांव की ओर है। नदी ने भी किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा। लंबी दूरी में 800 हेक्टेयर जमीन गंगा भी निगल गई। जमीन के साथ दर्जनों गांवों का अस्तित्व मिट गया। लंबे समय के बाद गंगा और सरयू उस पार अब जमीन निकली भी है तो उस पर सरपत उगे हैं। अब वह बंजर भूमि के समान है। यह तो सिर्फ एक इलाके का किस्सा है। सरयू से प्रभावित इलाकों में गोपालनगर, शिवाल मठिया, तिलापुर, दंतहा, चांदपुर, मनियर, सिकंदरपुर व तूर्तीपार आदि इलाके की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। गंगा भी लालगंज, दूबेछपरा, रामगढ़, शहर बलिया, माल्देयपुर से भरौली तक तबाही और बर्बादी की दास्तां लिखते रहीं हैं। बाढ़ के बाद तटवर्ती इलाके के खेतों में रेत और नई मिट्टी पड़ने पर किसान उसमें परवल या मटर की खेती करते हैं। बलिया में गंगा का प्रवाह लगभग 90 किमी और सरयू का प्रवाह क्षेत्र 120 किमी है।

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73.38 प्रतिशत भूभाग पर खेती

दो लाख 99 हजार 265 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले जनपद में 73.38 प्रतिशत यानी दो लाख 19 हजार 599 हेक्टेयर भूभाग पर खेती की जाती है, इसमें खरीफ की खेती एक लाख 61 हजार 651 हेक्टेयर तथा रबी की एक लाख 80 हजार 518 हेक्टेयर में की जाती है।

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जिले में 543474 किसान पंजीकृत

जिले में 475385 किसान परिवार हैं। लघु व सीमांत किसानों की संख्या 359078 है। पोर्टल पर फीड किसानों की संख्या 543474 है। पीएम किसान सम्मान की पात्रता की श्रेणी में आने वाले 444469 किसान इसका लाभ ले रहे हैं।

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बलिया में दो लाख 19 हजार 599 हेक्टेयर भूभाग पर खेती की जाती है, इसमें रबी की खेती रबी की एक लाख 80 हजार 518 हेक्टेयर में की जाती है। विभाग में केवल पंजीकृत किसानों का विवरण रहता है। जो किसान भूमिहीन हैं, उनका विवरण नहीं रहता है।

- विकेश पटेल, जिला कृषि अधिकारी

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