3471 आंगनबाड़ी केंद्रों का प्री-प्राइमरी के रूप में होगा संचालन
जागरण संवाददाता बलिया आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन अब प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में होगा।
जागरण संवाददाता, बलिया : आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन अब प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में होगा। बेसिक शिक्षा और बाल विकास विभाग ने पाठ्यक्रम तैयार करने व संसाधन जुटाने की कवायद शुरू कर दी है। अगले शैक्षिक सत्र से व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इसके तहत जनपद के 3471 आंगनबाड़ी केंद्रों को योजना में शामिल किया गया है। इसमें मिनी आंगनबाड़ी केंद्र 851 हैं। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है। नई शिक्षा नीति में तीन से छह वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्री-प्राइमरी स्कूल में शिक्षा देना अनिवार्य है। इसे निश्शुल्क व शिक्षा के अधिकार अधिनियम के दायरे में लाने की बात भी कही गई है।
इस तरह होगी व्यवस्था :
प्री-प्राइमरी में तीन से छह वर्ष के बच्चे पढ़ेंगे। उन्हें चित्र, कार्टून, कठपुतली के अलावा अन्य आसान तरीकों से पढ़ाया जाएगा। इससे बच्चों का बौद्धिक स्तर ऊंचा होगा। केंद्रों को संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।
-पाठ्यक्रम का तय हो रहा मापदंड
राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान और महिला एवं बाल विकास विभाग प्री प्राइमरी स्कूल के लिए पाठ्यक्रम और सीखने के मापदंड भी तैयार कर रहा है। पाठ्यक्रम को ऐसा बनाया जा रहा है कि परिषदीय स्कूलों में दाखिला लेने पर बच्चों को कक्षा एक से एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पढ़ने में कोई परेशानी न हो। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पाठ्य सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी। इससे बच्चों में पढ़ने, लिखने व समझने की क्षमता विकसित होगी।
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प्री-प्राइमरी स्कूलों के संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है। अभी इसके अलग भवन नहीं बनना है। परिषदीय विद्यालयों में ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इसका संचालन करेंगी। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। शासन स्तर से गाइडलाइन आने के बाद इस दिशा में आगे कार्य होगा।
-कृष्ण मुरारी पांडेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी