जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में 139 बच्चे सुपोषित
जागरण संवाददाता बलिया जिला चिकित्सालय में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए वरद
जागरण संवाददाता, बलिया : जिला चिकित्सालय में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। लाकडाउन के बाद केंद्र ने 139 बच्चों को सुपोषित किया है। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य कुपोषित और अति-कुपोषित बच्चों को सुपोषित करना है। इस केंद्र में आरबीएसके टीम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से कुपोषित एवं अति-कुपोषित बच्चों को लाया जा रहा है। साथ ही कुछ बच्चे ओपीडी के माध्यम से भी भर्ती हो रहे हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीपी सिंह ने बताया कि इस केंद्र में वर्तमान में 10 बच्चे भर्ती हैं। एनआरसी वार्ड में आधुनिक सुविधाएं हैं। बच्चों के खेलने के लिए खिलौने, टीवी भी हैं। गर्मियों में पंखे और सर्दियों में रूम हीटर भी चलते हैं। कुपोषित बच्चों की पहचान कर आरबीएसके की टीम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एनआरसी में भर्ती कराते हैं।
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2016 में स्थापित हुआ एनआरसी वार्ड
जिला चिकित्सालय में 2 अक्टूबर 2016 में एनआरसी वार्ड की स्थापना हुई थी। तब से लगभग 602 कुपोषित बच्चों को नई जिदगी दी जा चुकी है। इसमें वह भी बच्चे शामिल हैं जो रेफर और डिफाल्टर हैं। एनआरसी वार्ड के नोडल डा. विनेश कुमार ने बताया इस वार्ड में कुपोषित बच्चों को कम से कम 14 दिन या अधिकतम 28 दिन तक भर्ती करके उपचार किया जाता है। उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है। दवाएं एवं सूक्ष्म पोषण तत्व जैसे आयरन, विटामिन-ए, जिक व मल्टीविटामिन इत्यादि भी दी जाती हैं।
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ठीक हो रहे कुपोषित बच्चे
जन्म के कुछ महीने के बाद बैरिया ब्लाक के मिल्की गांव के उदयशंकर गौड़ की बेटी रिया कुपोषण की चपेट में आने से अति-कुपोषित हो गई। उस पर जब सुपरवाइजर शांति ओझा की नजर पड़ी तो उन्होंने बच्ची के पिता उदयशंकर गोंड़ एवं माता बसंती देवी को जिला चिकित्सालय स्थित एनआरसी वार्ड के बारे में जानकारी दी। रिया को 19 अक्टूबर को एनआरसी में भर्ती करवाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है, सुधार भी प्रतिदिन होता है। इसी तरह नगरा के गऊवापार के निवासी चंदन पटेल ने बताया कि मेरे तीन महीने के जुड़वा बच्चे अमन और अंकिता कुपोषण की चपेट में आ गए थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पूनम देवी ने एनआरसी वार्ड 21 अक्टूबर को भर्ती करवाया गया है।