महिला अस्पताल में चार घंटे फर्श पर तड़पती रही प्रसूता
संवेदनहीन बने रहे चिकित्साकर्मी दुर्व्यवहार देख तीमारदार निजी नर्सिंग होम ले जाने को विवश
बहराइच : जिला महिला अस्पताल में तैनात चिकित्साकर्मियों की लापरवाही प्रसूताओं को बेहतर इलाज तो दूर जिदगी को भी दांव पर लगा सकती है। इसका उदाहरण फखरपुर की हैबतपुर निवासी रिकू की पत्नी मीनू रेशमी बनीं। प्रसव पीड़ा होने पर परिवारजन उसे महिला अस्पताल लेकर आए। दर्द से तड़पती महिला तकरीबन चार घंटे तक फर्श पर पड़ी रही, लेकिन चिकित्साकर्मी संवेदनहीन बने रहे। मौके पर मौजूद स्टाफ नर्सों से लगातार उपचार को लेकर मनुहार किया जाता रहा, लेकिन उन्हें झिड़कियां ही मिलती रही।
प्रसव पीड़ा होने पर पति रिकू व अन्य परिवारजन फखरपुर से एंबुलेंस से उसे अस्पताल लेकर आए थे। परिवारजन वहां मौजूद चिकित्साकर्मियों से लगातार मनुहार करते रहे, लेकिन मौके पर मौजूद स्टाफ नर्स दिलासा देने की जगह लगातार अभद्रता करती रही। तकरीबन चार घंटे तक प्रसूता फर्श पर तड़पती रही, लेकिन चिकित्साकर्मियों का दिल नहीं पसीजा।
चिकित्साकर्मियों की संवेदनहीनता देख परिवारजन ने घटना की जानकारी मीडियाकर्मियों को दी। मौके पर पहुंचे लोगों ने लगातार सीएमएस को कॉल किया, लेकिन फोन व्यस्त बताता रहा। मामला तूल पकड़ने लगा। इसकी जानकारी पाकर पहुंची डा. राबिया ने तत्काल पीड़िता का उपचार शुरू किया। इसके बाद तीमारदारों ने राहत की सांस ली। महिला अस्पताल में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है, दो सप्ताह पहले चिकित्साकर्मियों की संवेदनहीनता और अभद्रता से नाराज बेड़नापुर निवासी अधिवक्ता व परिवारजन ने जमकर हंगामा किया था।
सीएमएस से बात कर लें
मामले में जब मेडिकल कालेज के प्रिसपल डा. अनिल साहनी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने टका सा जवाब दिया कि सीएमएस डा. ओपी पांडेय से बात कर लीजिए।