जिलाध्यक्ष व महामंत्री समेत आंदोलित 10 एंबुलेंसकर्मी बर्खास्त
छह सूत्री मांगों को लेकर धरने पर डटे रहे कर्मी सीएमओ व सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन
बहराइच : छह सूत्री मांगों को लेकर 102 और 108 एंबुलेंस का चक्का जाम कर दूसरे दिन हड़ताल पर डटे महामंत्री नसीम अहमद, रितेश शुक्ला व विनय तिवारी समेत 10 लोगों को बर्खास्त किया गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नई कंपनी जिगित्जा नए लोगों की भर्ती कर रही है। इसमें किसी भी पुराने कर्मचारी को काम नहीं दिया जा रहा है। इसी वजह से जीवीके कंपनी के कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं।
एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल पर जाने की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। एंबुलेंस कर्मियों ने मांगे पूरी न होने तक कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है। जिले में एंबुलेंस सेवा बंद है। इससे मरीजों और उनके परिवारजन को भीषण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। एंबुलेंस कर्मियों ने एंबुलेंस को जिला अस्पताल परिसर में लाइन से खड़ी कर चक्का जाम कर दिया है। यहीं पर चार एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) एंबुलेंस भी लाकर खड़ी रखी।
एक एंबुलेंस पर यूनियन का बैनर लगाकर पूरे दिन कर्मी सिस्टम के विरुद्ध आवाज बुलंद करते रहे। इस अव्यवस्था का सीधा असर रोगियों-तीमारदारों पर देखने को मिला। जरूरतमंद एंबुलेंस के लिए फोन करते रहे, लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पाई। कोई ई-रिक्शा, आटो तो कोई अन्य निजी साधनों से रोगी को लेकर अस्पताल पहुंचा।
जिला अस्पताल रेफर होने वाले रोगियों को भारी मुसीबत उठानी पड़ी। मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट अनिल सिंह व सीएमओ डा. राजेश मोहन श्रीवास्तव को कर्मियों ने ज्ञापन भी सौंपा। जिलाध्यक्ष संतोष पांडेय ने बताया कि संगठन की जायज आवाज दबाने के लिए कंपनी ने बर्खास्तगी का खेल भले ही खेला हो, लेकिन इससे एंबुलेंस कर्मियों के हौसले कम नहीं होंगे।