मनरेगा के तालाबों से हो रहा वर्षा जल संचयन
जल है तो कल है 410 तालाबों और पोखरो का कराया गया कायाकल्प 178 अन्य तालाबों का निर्माण कार्य जारी 35 हजार प्रवासियों का मिला रोजगार
बहराइच : तराई में भूगर्भ जल स्तर के सुधार में मनरेगा योजना कारगर साबित हो रही है। जलक्रांति को धार देने के लिए योजना से 372 तालाब संवारे जा चुके हैं। इससे जिदगी की हर सांस के लिए जरूरी बूंद-बूंद पानी को सहेजने की पहल साकार हो रही है। वर्षा जल संचयन के लिए बरसात के पानी की बूंद-बूंद सहेजने के लिए मनरेगा तालाबों को संवारा जा रहा है। ग्राम पंचायतों में जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए 410 तालाबों और पोखरो का कायाकल्प कराया गया है, जबकि 178 अन्य तालाबों का निर्माण कार्य भी चल रहा है।
गांवों में बरसात के पानी की बूंद-बूंद सहेजने के लिए जिले में मनरेगा से तालाबों को संवारा जा रहा है। इससे न केवल जल संचयन को आयाम मिल रहा है, बल्कि गांव में ही श्रमिकों को रोजगार का अवसर प्राप्त हो रहा है। जिले में आने वाले 60 हजार से अधिक प्रवासियों में से लगभग 35 हजार लोगों को तालाबों के खोदाई कराने के काम में लगाया गया।
तकरीबन आठ सौ से ज्यादा ग्राम पंचायतों में जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए तालाब-पोखर के कायाकल्प के साथ सिचाई की नालियों का निर्माण शुरू किया, जिसे भी अब अंतिम रूप दे दिया है। इन तालाबों में होने वाले जल संचयन से ग्रामीणों को फसलों की सिचाई करने में आसानी होगी।
कोट
मनरेगा के तहत कुल 410 तालाबों का कार्य पूरा करने के अलावा 178 तालाब, नाला व मिट्टी के अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। बारिश के चलते कई कार्य प्रभावित भी हो रहे हैं।
- केडी गोस्वामी, उपायुक्त मनरेगा