बंदियों की कलाई पर इस बार नहीं बंधेगा बहना का प्यार
- चार माह से बंद है मुलाकात कोरोना के चलते रक्षाबंधन पर भी नहीं मिलेगी सहूलियत
बहराइच :इस बार जेल की सलाखों में निरुद्ध बंदियों की कलाई पर बहन राखी नहीं बांध सकेगी। वजह वैश्विक महामारी सिर्फ बाहर ही नहीं, बल्कि सलाखों तक पहुंच गई है। ऐसे में चार माह से मुलाकात बंद है तो इस पवित्र त्योहार पर कोविड की पाबंदी से भाई की कलाई सूनी रहेगी।
जिला कारागार में तकरीबन 1380 बंदी के लगभग निरुद्ध हैं। इनमें कई सजायाफ्ता तो कई विचाराधीन बंदी शामिल है। इसमें नेपाल, श्रावस्ती व अन्य जिलों के बंदी हैं। 22 मार्च से जेल में मुलाकात पर पाबंदी लगी हुई है। परिवारजन से बंदियों की मुलाकात नहीं हो रही है। यहां तक कि पेशी पर भी बंदी सलाखों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यह बीमारी अब भाई-बहन के अटूट प्रेम के पर्व रक्षाबंधन पर भी ग्रहण लगा दिया है।