50 वर्षो का टूटा रिकार्ड, खेतों में जमी बर्फ की मोटी परत
बहराइच: भारत-नेपाल सीमा इलाके में शुक्रवार की रात लगभग आधे घंटे तक बारिश के साथ जब
बहराइच: भारत-नेपाल सीमा इलाके में शुक्रवार की रात लगभग आधे घंटे तक बारिश के साथ जबरदस्त ओलावृष्टि हुई। खेतों में बर्फ की मोटी परतें जम गईं। दलहनी व तिलहनी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। आम के पेड़ों पर लगे बौर ओले गिरने से नष्ट हो गए। तेज हवाओं के साथ गिरे ओले के कारण दो टीन शेड की दुकानें भी गिर गईं। 50 साल बाद ऐसी ओलावृष्टि से फसलों की स्थिति देख किसान दंग हैं। 12 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। तापमान स्थिर रहा। दिन भर बादलों की लुका छिपी का खेल चलता रहा। माघ माह में बदले मौसम के मिजाज ने खेती किसानी के साथ आमजन जीवन को अस्त -व्यस्त कर दिया है। रात में गरज-चमक के साथ 16 किमी प्रति घंटे की पछुआ हवाओं के साथ तेज बारिश के व ओलावृष्टि शुरू हो गई। आधे घंटे में जमकर हुई ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी सरसों, मसूर, मटर व आलू की फसल को ही नहीं चौपट किया, बल्कि तेज हवाओं के बीच 50 ग्राम तक के गिरे ओलों से आम के बौर भी गिर गए। सीमावर्ती क्षेत्र के नवाबगंज, मिहींपुरवा व नानपारा क्षेत्र में गेहूं के खेतों में बर्फ की मोटी परतें पड़ गईं। नवाबगंज बाजार में ओले जम गए। कस्बा निवासी अबील अहमद की टीन की दुकान ढह गई। सीमावर्ती बघमरी, बक्शीगांव, मिर्जा फांटा, हरिहरपुर, चौगड़वा व भटपुरवा में बाग में लगे आम के पेड़ के बौर गिर जाने से बागवान ¨चतित दिखे। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमवी ¨सह ने बताया कि 50 साल बाद ऐसी ओलावृष्टि फरवरी माह में हुई है। इससे दलहनी व तिलहनी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि के आसार, 40 एमएम बारिश मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 24 घंटे में बारिश के साथ ओलावृष्टि के आसार हैं। तीन दिनों में 40 मिलीमीटर बारिश हुई है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से मौसम का संतुलन बिगड़ रहा है। यह तराई के लिए यह शुभ संकेत नहीं है। जगह-जगह जलभराव शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जलनिकासी के दावों की पोल खुली है। विशेश्वरगंज बाजार में मुख्य सड़क पर पानी भरा होने से लोगों को आन-जाने में दिक्कतें हो रही है। नवाबगंज कस्बे में भी जलभराव से लोग परेशान हैं।