धरने पर लेखपाल, सम्मान निधि का सत्यापन अटका

एमपी की तर्ज पर सत्यापन शुल्क समेत आठ सूत्री मांग पर डटे लेखपाल चित्र परिचय 11 बीआरएच 7 में फोटो है। संसू बहराइच जिले भर के तहसीलों में दूसरे दिन बुधवार को भी लेखपाल कलमबंद हड़ताल पर रहे हैं। लेखपालों के हड़ताल पर रहने से सम्मान निधि का सत्यापन लटक गया है। तहसील आए किसान राजस्व अभिलेखों के सत्यापन के लिए भटकते दिखे। लेखपाल मध्य प्रदेश की तर्ज पर प्रति किसान आधार सत्यापन के लिए 1

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 11:20 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 11:20 PM (IST)
धरने पर लेखपाल, सम्मान निधि का सत्यापन अटका
धरने पर लेखपाल, सम्मान निधि का सत्यापन अटका

जागरण टीम, बहराइच : जिले भर के तहसीलों में दूसरे दिन बुधवार को भी लेखपाल कलमबंद हड़ताल पर रहे हैं। लेखपालों के हड़ताल पर रहने से सम्मान निधि का सत्यापन लटक गया है। तहसील आए किसान राजस्व अभिलेखों के सत्यापन के लिए भटकते दिखे। लेखपाल मध्य प्रदेश की तर्ज पर प्रति किसान आधार सत्यापन के लिए 18 रुपये शुल्क समेत आठ सूत्री मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।

उप्र लेखपाल संघ के जिला इकाई अध्यक्ष जयराज सिंह ने कहा कि लेखपाल 24 घंटे दायित्वों के निर्वहन के लिए तत्पर रहते हैं। हर मुश्किलों में शासन-प्रशासन के के निर्देशों का पालन रहे हैं,लेकिन हमारी जायज मांगों पर सरकार विचार नहीं कर रही है। सदर संघ अध्यक्ष महेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि अपने हित के लिए लेखपाल आवाज बुलंद कर रहे हैं। बार-बार आश्वासनों के बाद भी शासन ध्यान नहीं दे रहा है। लेखपालों के दो दिनों के हड़ताल से राजस्व कार्य पूरी तरह से बाधित हो गया है। पीएम की ड्रीम सम्मान निधि योजना से जुड़े किसानों का सत्यापन भी ठप हो जाने के किसान परेशान हैं। आय, जाति व निवास प्रमाणपत्र पर सत्यापन रिपोर्ट न लगने से छात्र-छात्राएं भी दौड़ लगा रही हैं। जिले के सभी छह तहसीलों के 315 लेखपाल बस्ता लेकर तहसील मुख्यालयों पर धरना दे रहे हैं। महसी : यहां मांगों को लेकर लेखपाल धरने पर डटे रहे। तहसील अध्यक्ष सुनील अवस्थी, मदन गोपाल सिंह, चंद्रप्रकाश पांडेय, प्रभात अवस्थी, हेमलता, चंद्रकेश मौर्य व अन्य मौजूद रहे। कैसरगंज : तहसील अध्यक्ष पवन चौहान के नेतृत्व में लेखपाल कैसरगंज तहसील मुख्यालय पर लेखपाल धरने पर डट गए। ओंकार प्रसाद वर्मा, सरवर अली, उमेश सिंह, प्रियंका श्रीवास्तव, अर्चना सिंह मौजूद रहीं। ये कार्य रहे बाधित लेखपालों के कार्य बहिष्कार से हैसियत प्रमाणपत्र, खतौनी व आधार का सत्यापन, खसरा निर्गमन, किसान सम्मान निधि का सत्यापन, जमीन की पैमाइश, हथबरारी समेत कई कार्य बाधित है। बिना लेखपाल की रिपोर्ट के उच्चाधिकारी भी राजस्व कार्य निपटारे में सक्षम नहीं हो रहे हैं।

chat bot
आपका साथी