540 बेड के मेडिकल कालेज में आइसीयू तक नहीं
करोड़ों खर्च होने के बाद भी जरूरतमंद परेशान 20 दिनों इलाज के लिए बहराइच-लखनऊ के बीच दौड़ रहा बुजुर्ग
बहराइच : यहां बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती समेत नेपाल के मरीज बेहतर उपचार की आस लेकर आते हैं। कथित तौर पर आधुनिक सुविधाओं से लैस मेडिकल कालेज में आइसीयू तक नहीं है। गंभीर मरीज आपरेशन के बाद जरूरत पड़ने पर मौत के मुहाने पर पहुंच जाते हैं। करोड़ों रुपये की लागत से बने 540 बेड के मेडिकल कालेज में आइसीयू न होने के चलते 20 दिनों से नानपारा के बुजुर्ग मेडिकल कालेज व ट्रामा सेंटर लखनऊ के बीच त्रिशंकु बने घूम रहे हैं।
मेडिकल कालेज में नानपारा कोतवाली के लालापुरवा निवासी 66 वर्षीय राजेंद्र कुमार बीते कुछ दिनों से हार्निया से परेशान हैं। उन्हें हाई शुगर भी है। बीते दिनों परेशानी होने पर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। चिकित्सक अमित श्रीवास्तव ने उन्हें भर्ती कर आपरेशन की सलाह दी। पांच दिनों तक वे जनरल वार्ड में भर्ती रहे, लेकिन उनके आपरेशन का समय नजदीक आने पर चिकित्सकों ने अचानक उनका शुगर लेबल कंट्रोल नहीं होने की बात कहकर आपरेशन से मना कर दिया।
चिकित्सक की मानें तो राजेंद्र के आपरेशन के बाद उन्हें आइसीयू में भर्ती करना पड़ता और मेडिकल कालेज में यह सुविधा नहीं है। इसलिए उन्हें बहराइच से ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया। ट्रामा सेंटर ने रेफर मरीज को भर्ती करने से मना करते हुए वापस भेज दिया। बुजुर्ग कई दिनों से इलाज के लिए परेशान है और चिकित्सक आइसीयू न होने से आपरेशन करने में असहज महसूस कर रहे हैं।
कोट
मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। आप मेडिकल कालेज के सीएमएस से बात कर लें।
-डा. अनिल साहनी, प्राचार्य मेडिकल कालेज
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कोरोना काल के चलते आइसीयू को कोविड वार्ड में तब्दील किया गया है। जल्द ही आइसीयू की सुविधा सामान्य मरीजों को सुलभ कराई जाएगी।
-डा. ओपी पांडेय, सीएमएस बहराइच