नहीं मिली पगार,भुखमरी की कगार पर पहुंचे पालिका कर्मी
पालिका के 400 कर्मचारियों पर मंडराया रोजी-रोटी का संकट नया टेंडर न होने का हवाला दे पल्ला झाड़ रही नगर पालिका
बहराइच : नगरपालिका के 650 कर्मचारियों के परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। ये सभी आउट सोर्सिंग के तहत नगर पालिका की विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाल रहे हैं, जिनमें सफाईकर्मी, पंप आपरेटर व कंप्यूटर आपरेटर शामिल हैं। सभी से कार्य तो लिए जा रहे हैं, लेकिन मानदेय का भुगतान दो माह से बाधित है।
कोरोनाकाल के दौरान इन्हीं कर्मचारियों के जिम्मे शहर की साफ-सफाई, बिजली व अन्य व्यवस्था है। इन कर्मचारियों में चार सौ सफाई कर्मी, 250 बिजली आपरेटर, पंप आपरेटर व कंप्यूटर आपरेटर शामिल हैं। सफाई कर्मी ही नहीं जलकल विभाग पंप आपरेटर व कार्यालय में कंप्यूटर आपरेटर से काम लिया जा रहा है। अप्रैल व मई से भुगतान बाधित होने के पीछे फर्म व पालिका के बीच हुए करार का 31 मार्च को खत्म होना है, जबकि नानपारा, जरवल में ऐसी कोई समस्या नहीं है।
उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि गत मार्च माह तक इन सभी कर्मचारियों को पारस गारमेंट नामक फर्म से भुगतान किया जा रहा था, जिसका कांट्रैक्ट तकनीकी कारणों से स्थगित हो गया। तब से नया टेंडर नहीं हो सका, जिससे आउट सोर्सिंग के तहत कार्यरत कर्मचारियों का भुगतना लटका हुआ हुआ है। महामंत्री मुकेश बाल्मीकि ने बताया कि सफाई कर्मियों को जीएसटी काटकर 308 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय का भुगतान किया जाता है।उनके मुताबिक अन्य नगर पालिकाओं में भुगतान नियमित हो रहा है और बढ़ोतरी भी मिल रही है। वे इस लापरवाही के लिए पालिका प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अधिशासी अधिकारी पवन कुमार का कहना है कि फर्म का अनुबंध खत्म हो गया है। नया अनुबंध होते ही भुगतान करा दिया जाएगा।