ऋण योजनाएं संवार रहीं प्रवासी श्रमिकों की जिदगी

बैंकों के अलावा पीएम व सीएम से जुड़ी योजनाओं में आवेदनों की भरमार सेवायोजन विभाग में एक हजार से अधिक लोगों ने कराए रजिस्ट्रेशन

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 10:13 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 10:13 PM (IST)
ऋण योजनाएं संवार रहीं प्रवासी श्रमिकों की जिदगी
ऋण योजनाएं संवार रहीं प्रवासी श्रमिकों की जिदगी

बहराइच : कोरोना संक्रमण के चलते जीविका छिनने से परदेश से लौटे जरवल के नसीम के सामने अपने पुरखों की धरती पर रोजगार की चुनौती खड़ी हुई तो मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना संबल बनी। उन्होंने डेढ़ लाख रुपये का ऋण लिया और शुरू कर दिया पुश्तैनी कपड़ा सिलने का धंधा। चंद दिनों में ही कारोबार चल निकला।

इसी तरह दो लाख रुपये ऋण लेकर टेड़वा बसंतपुर के राकेश कुमार ने भी जीविकोपार्जन के लिए कारोबार खड़ा कर लिया है। ऐसे ही आठ और लोग अपना कारोबार स्थापित कर चुके हैं, जबकि कुशल कारीगर के रूप में सवा सौ लोग बैंक से ऋण लेकर चंद औजारों का प्रबंध कर रोजगार सृजन कर रहे हैं। सेवायोजन विभाग में एक हजार से अधिक लोगों ने रोजगार के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।

कोरोना की दूसरी लहर के चलते वापस अपने गांव लौटे सैकड़ों कामगारों को रोजगार मुहैया कराने में जिला उद्योग केंद्र एवं खादी ग्रामोद्योग विभाग जुटा है। बैकों से ऋण लेकर सवा सौ दर्जी, इलेक्ट्रीशियन, नाई, पेंटर, प्लंबर, कुशल कारीगरों ने अपना कारोबार शुरू कर दिया है। ऐसे कुशल श्रमिकों का कहना है कि मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, चंडीगढ़, दिल्ली में भले ही 20 से 25 हजार रुपये तक प्रति माह आय हो जाती थी, लेकिन उसके मुकाबले यहां का दस-बारह हजार रुपये ही पर्याप्त हैं।

आए 45 आवेदन

जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त मोहन कुमार शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 12, ओडीओपी वित्त पोषित योजना में आठ, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 25 आवेदन आ चुके हैं।

आठ लोगों ने स्थापित किया रोजगार

जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी संजय वर्मा ने बताया कि उनके विभाग के माध्यम से अबतक आठ लोगों ने रोजगार स्थापित कर लिया है, जबकि 12 आवेदकों के ऋण पत्रावली स्वीकृति की प्रक्रिया में है। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत 30 जून तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

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