सीखचों से बाहर आए नगदहे, इनरह्वील को दिया धन्यवाद
-जुर्माने की रकम जमा न होने से काट रहा था अतिरिक्त सजा
जासं, बहराइच : जिला कारागार में पिछले 10 वर्षों से अपने गुनाहों की सजा काट रहा बुजुर्ग बंदी सोमवार को रिहा कर दिया गया। सजा पूरी होने के बाद भी जुर्माने की रकम अदा न कर पाने से सीखचों में कैद बंदी को बाहर लाने के लिए इनरह्वील क्लब आगे आया। जुर्माने की रकम जमा करने पर बाहर निकले बंदी की आंखें बची जिदगी की नई सुबह देखकर डबडबा गई। सामने परिवार के लोगों को देखकर गुनाहों पर पछतावा हुआ तो क्लब के सदस्यों को हाथ जोड़कर धन्यवाद दिया।
सिद्धार्थनगर के देवरहवा थाना क्षेत्र के ग्राम बैरिहवा निवासी 85 वर्षीय नगदहे उर्फ नरदा पर मादक पदार्थ अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था। वर्ष 2010 से वह जेल में निरुद्ध चल रहा था। वर्ष 2015 में अपर सत्र न्यायाधीश ईसी एक्ट ने 10 साल की सजा व एक लाख रुपये के दंड से उसे दंडित किया था। 10 साल की सजा पूरी करने के बाद परिवारजनों के जुर्माने की रकम अदा करने में असमर्थता से वह जेल में ही निरुद्ध था।
जेल महकमे ने इनरव्हील क्लब से संपर्क कर जुर्माना अदा करने की अपील की। क्लब की अध्यक्ष विभा अग्रवाल ने 30 हजार रुपये जमा कराया। इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया। जेल अधीक्षक एन. त्रिपाठी ने कहा कि क्लब की पहल काबिले-ए-तारीफ है। जेलर वीके शुक्ल, डिप्टी जेलर शरेंदु त्रिपाठी, अखिलेश कुमार, ज्योति बंसल, लता वर्मा मौजूद रहीं।