जीवन जीने की कला सिखाता है हवन
आर्यसमाज का वार्षिकोत्सव चित्र परिचय - 22 बीआरएच 12 में फोटो है। संसू बहराइच शहर के घंटाघर परिसर में आर्यसमाज का 122वां वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा है। शुक्रवार को यहां हवन-यज्ञ किया गया। यज्ञ की महत्ता भी बताई गई।
संसू, बहराइच : शहर के घंटाघर परिसर में आर्यसमाज का 122वां वार्षिकोत्सव मनाया जा रहा है। शुक्रवार को यहां हवन-यज्ञ किया गया। यज्ञ की महत्ता भी बताई गई।
दिल्ली से आए डॉ.देव शर्मा ने कहा कि हवन हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। हम लोग दैनिक कार्यों में तमाम प्रकार की गलतियां करते हैं जो बीमारी का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि हवन कुंड अग्निदेव का मुख है। इसमें डाले गए पदार्थ देवताओं तक पहुंच जाते हैं। पं.ओंकारनाथ शास्त्री ने मंत्रोच्चार के साथ हवन-यज्ञ शुरू कराया। यजमान करन सिंह व उनकी पत्नी श्वेता सिंह ने हवन-पूजन किया। बिहार से आईं डॉ.ऋचा योगमयी ने ईश्वर के विभिन्न स्वरूपों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से सुबह-शाम ईश्वर का ध्यान हम सभी को जरूर करना चाहिए। आर्य समाज के प्रधान रामेंद्र देव सिंह, घासीराम आर्य, फतेह बहादुर सिंह, घनश्याम दास, कन्हैया सिंह, मुन्नी देवी, सारंधा देवी, किरन यादव, कमलावती यादव, सुषमा श्रीवास्तव समेत अन्य मौजूद रहे।