जलस्तर स्थिर होने के बावजूद हो रही कटान

24 घंटों में एक सेंटीमीटर कम हुआ जलस्तर 23 सेंटीमीटर एल्गिन ब्रिज पर लाल निशान से नीचे 01 मीटर नीचे बह रही शारदा नदी 274 544 क्यूसेक पानी तीनों बैराजों से छोड़ा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:15 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:15 PM (IST)
जलस्तर स्थिर होने के बावजूद हो रही कटान
जलस्तर स्थिर होने के बावजूद हो रही कटान

बहराइच : जिले के तीनों बैराजों से बुधवार को तीनों बैराजों से छोड़ा गया दो लाख 74 हजार 544 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बीते 24 घंटों में महज एक सेंटीमीटर घटने के बाद घाघरा का जलस्तर स्थिर हो गया है।

एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 105.836 मीटर रिकार्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से 23 सेंटीमीटर नीचे बह रही हैं। घूरदेवी स्पर पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 112.135 मीटर के सापेक्ष 111.300 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से 83 सेंटीमीटर नीचे बह रही हैं।

सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के सहायक अभियंता बीबी पाल ने बताया कि बुधवार की सुबह आठ बजे शारदा बैराज से एक लाख 42 हजार 466, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख 31 हजार 478 व सरयू बैराज से 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जलस्तर स्थिर होने से बाढ़ की आशंका कम हुई है, लेकिन कटान में कमी नहीं आई है।

बौंडी थाना क्षेत्र के पिपरी गांव निवासी तवारख, रहमूद, शहादत, बल्ला, शिवकुमार, प्रमोद, मिश्रीलाल, बृजलाल, नफीस के आशियानें घाघरा के मुहाने पर आ गए हैं। तिकुरी गांव में भी घाघरा की लहरों का कहर जारी है। गांव निवासी नरेश, जगतराम, अर्जुन, रमेश, मूलचंद्र, मुनेश्वर व राजाराम के आशियानें कटान की जद में आ गए हैं। वे भावुक होकर उजाड़ रहे हैं।

जिले की नदियों का जलस्तर

नदी-बैराज-लाल निशान-जलस्तर

घाघरा-गिरजापुरी-136.80-135.30

घाघरा- एल्गिन ब्रिज-106.07-105.836

घाघरा-घूरदेवी-112.135-111.300

सरयू-गोपिया-133.55-129.80

शारदा-शारदा-135.15-135.05

(जलस्तर मीटर में है) ----------------------

कोट

कटान पीड़ितों की हरसंभव मदद की जा रही है। कटान पीड़ितों को जल्द अहेतुक सहायता देकर विस्थापित किया जाएगा।

-एसएन त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी महसी

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बाढ़ का पानी उतरा तो डराने लगा संक्रामक बीमारियों का खतरा : घाघरा का जलस्तर घटने से तटवर्ती गांवों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा सताने लगा है। दूषित पानी के सेवन से चर्मरोग, पीलिया, उल्टी-दस्त, टाइफाइड, मलेरिया बुखार आदि रोग हो सकते हैं। बाढ़ के बाद इन रोगों के फैलने का खतरा ज्यादा होता है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बौंडी के प्रभारी चिकित्सक डा. अतिउर्ररहमान ने बताया कि बाढ़ प्रभावितों को क्लोरीन की टेबलेट वितरित करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर पीएचसी में चिकित्सकीय परामर्श लेकर दवाएं लें। इसके अलावा समय-समय पर बाढ़ राहत चौकियों पर आयोजित स्वास्थ्य कैंप पर पहुंचकर जांच करवाएं।

बचाव के लिए यह करें

-हमेशा स्वच्छ पेयजल का प्रयोग करें।

-तालाब के किनारे लगे नल का पानी न पिएं।

-पानी को हमेशा ढककर रखें व उबालकर पिएं।

-कुछ भी खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से धोएं।

-खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

-मच्छर से बचने के लिए क्रीम व मच्छरदानी का प्रयोग करें।

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