लाल निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर बह रही घाघरा
बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की आशंका प्रबल सकते में तटवर्ती 65 गांवों के लोग
बहराइच : गुरुवार को जिले के तीनों बैराजों से दो लाख 97 हजार 739 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से घाघरा का जलस्तर एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से घाघरा के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। तटवर्ती गांवों के निचले हिस्सों, पोखरों व नालों में बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा है। सैकड़ों बीघा खेत बाढ़ के पानी से जलमग्न हो गए हैं।
बौंडी थाना क्षेत्र के पिपरी गांव में घाघरा ने कटान शुरू कर दिया है। गांव निवासी बिहारी का मकान व जंग-ए-आजादी का साक्षी पिपरी का किला धारा में समाहित हो रहा है। मूसलाधार बारिश के चलते नेपाली नदियां उफना गई हैं। महसी तहसील के 65 गांवों के सैकड़ों किसानों की हजारों धान व गन्ने की फसल तबाह होने के कगार पर है।
घूरदेवी स्पर पर 60 सेमी नीचे जलस्तर
जरवलरोड: एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 106.226 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि घूरदेवी स्पर पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 112.135 मीटर के सापेक्ष 111.530 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से 60 सेंटीमीटर नीचे बह रही है।
बैराज से छोड़ा गया पानी
-शारदा बैराज से एक लाख 53 हजार 584 क्यूसेक
-गिरिजापुरी बैराज से एक लाख 37 हजार 234 क्यूसेक
-सरयू बैराज से छह हजार 921 क्यूसेक रैनकट से तटबंध व पुलिया क्षतिग्रस्त
बौंडी: जबरदस्त बरसात से पिपरा गांव के निकट रैनकट से बेलहा-बेहरौली तटबंध व सिलौटा गांव की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि रैनकट से क्षतिग्रस्त तटबंध का जल्द मरम्मत होगा।
एसडीएम ने देखी घाघरा की स्थिति
बौंडी: एसडीएम महसी एसएन त्रिपाठी ने बाढ़ व कटान प्रभावित तिकुरी, पिपरी, कायमपुर, गोलागंज, बौंडी गांवों का निरीक्षण किया। एसडीएम ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशासी अभियंता को बारिश में बदहाल सड़कों व पुलियों के जल्द मरम्मत के निर्देश दिए। बाढ़ राहत चौकियों का निरीक्षण किया। उनके साथ तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा, नायब तहसीलदार विपुल कुमार सिंह, एसओ बौंडी मनोज कुमार राय भी रहे। घाघरा में बही जंगल की 10 हेक्टेयर जमीन
बिछिया: चहलवा के दूधनाथपुरवा से सटा जंगल घाघरा नदी में कट कर बहने लगा है। कतर्नियाघाट रेंज में लगभग 10 हेक्टेयर जमीन घाघरा में समा गई है। 50 बेशकीमती शीशम, साखू व सेमल के पेड़ नदी समाहित हो चुके हैं। वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार ने मौके पर आंकलन किया और बीट प्रभारी को स्थिति पर नजर रखने को कहा है। जिले की नदियों का जलस्तर
नदी-बैराज-लाल निशान-जलस्तर घाघरा- एल्गिन ब्रिज-106.07-106.226
घाघरा-गिरजापुरी-136.80-135.40
घाघरा-घूरदेवी-112.135-111.530
सरयू-गोपिया-133.55-130.75
शारदा-शारदा-135.15-135.20
(जलस्तर मीटर में है)
बारिश में ढहे मकान, जलभराव से बढ़ी परेशानी : जिले में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पांच मकान धराशाई हो गए। गृहस्थी का सामान नष्ट हो गया। मलबे में दबकर मवेशी की मौत हो गई। निचले इलाकों में जलभराव से लोग परेशान हैं। कई स्थानों पर पेड़ गिरने से आवागमन बाधित रहा। तार टूटने से बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित हुई। बुधवार रात से शुरू हुई बारिश गुरुवार दोपहर तक जारी रही। पयागपुर, मिहींपुरवा, महसी समेत कई स्थानों पर पेड़ धराशायी होकर मार्गों पर गिर गए। इससे आवागमन बाधित रहा। बिछिया : ग्राम मंगलपुरवा चहलवा में बारिश के चलते कन्धई के कच्चे मकान की दीवार ढह गई। मलबे के नीचे दबकर गाय की मौत हो गई। गृहस्थी भी नष्ट हो गई। गांव के बब्बन व महबूब का कच्चा मकान ढह गया। गजाधरपुर : फखरपुर ब्लाक ग्राम पंचायत कंदौसा में हलीम का कच्चा मकान ढह गया। इसमें गृहस्थी का सामान क्षतिग्रस्त हो गया। मकान मालिक ने किसी तरह भागकर जान बचाई। हबसा बेगम का भी फूस का मकान जमींदोज हो गया।