नो मैंस लैंड तक पहुंची राप्ती, निशाने पर सीमा स्तंभ

नदी की धारा में समाहित हो रहा भिनगा-मल्हीपुर मार्ग नहीं काम आया अंतिम समय में बचाव का प्रयास

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 10:31 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 10:31 PM (IST)
नो मैंस लैंड तक पहुंची राप्ती, निशाने पर सीमा स्तंभ
नो मैंस लैंड तक पहुंची राप्ती, निशाने पर सीमा स्तंभ

संसू, श्रावस्ती: नेपाल से पानी के तेज बहाव के साथ भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करते हुए राप्ती नदी नो मैंस लैंड को अपने आगोश में ले रही है। सीमा स्तंभ राप्ती के निशाने पर हैं। यहां कटान रोकने के प्रभावी इंजजाम नहीं हुए तो भारतीय व नेपाली क्षेत्र की सीामा के निशान समाप्त हो जाएंगे।

तराई में राप्ती नदी के तेवर उम्र हैं। जमुनहा क्षेत्र में नदी तेजी से कटान कर रही है। नेपाल सीमा पर ककरदरी के पास नदी की धारा बदल गई है। नेपाल के मटहिया गांव के सामने से कटान करते हुए नदी भारतीय क्षेत्र में शिवपुर भागड़ गांव की ओर बढ़ रही है।द इस रफ्तार में नदी नौ मैंस लैंड को लीलते हुए आगे बढ़ रही है। इसी क्षेत्र के पास भारतीय पिलर संख्या 642/13 ए व 642/13बी स्थित है। पिलर संख्या 642/13ए व 642/13 के बीच नदी कटान कर रही है। कटान की रफ्तार यही रही तो सीमा स्तंभ भी नदी की धारा में समाहित हो जाएंगे। नेपाल से निकल कर जिले की सीमा में प्रवेश करते हुए राप्ती नदी सर्व प्रथम जमुनहा तहसील क्षेत्र में अपना कहर बरपाती है। बाढ़ और कटान से परेशान इस क्षेत्र के लोगों को नदी ने एक और मुसीबत में डाल दिया है। तीन अगस्त की रात राप्ती नदी ने मल्हीपुर-भिनगा मार्ग को काटना शुरू कर दिया। जब तक कटान को रोकने के लिए कोई प्रयास किया जाता तब तक नदी ने पक्की सड़क को आगोश में लेना शुरू कर दिया। जिम्मदारों ने आनन फानन में सड़क को बचाने का असफल प्रयास किया। पांच अगस्त की सुबह तक तक करीब 30 मीटर लंबी सड़क के अधिकांश हिस्से को काटते हुए नदी अपनी धारा में समाहित कर चुकी थी। कटान को रोकने के लिए जिम्मेदार ईंट के टुकड़ों से भरी बोरियों को नदी में डलवाते रहे। बुधवार को सड़क का काफी हिस्सा कट जाने से इस रास्ते पर आवागमन बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही मधवापुर घाट पर बना पुल बरसात के मौसम में निष्प्रयोज्य हो चुका है। स्थानीय लोगों के गुहार के बाद भी सड़क को बचाने के लिए समय से प्रयास शुरू होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। बारिश न होने से परेशान हैं किसान

अच्छी बारिश बढ़-चढ़कर धान की रोपाई करने वाले किसानों को मौसम दगा दे रहा है। रात में आसमान पर घने बादल छाए रहे, लेकिन बारिश के नाम पर सिर्फ बुंदाबांदी हुई। बुधवार को दिन भर बादलों की लुका छिपी होती रही। बारिश की आस में किसान आसमान निहारते रहे। बरसात न होने से उमस भरी गर्मी से जन जीवन बेहाल है। किसान बालगो¨वद वर्मा कहते हैं कि खेतों में पानी न होने से फसल सूख रही है। खर पतवारर अधिक होने से भी फसल को नुकसान हो रहा है। मौसम के मिजाज को देखते ¨चता बढ़ती जा रही है। समय से बारिश नहीं हुई तो धान का उत्पादन प्रभावित होगा।

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