खाद से भरे भंडार, किसानों के खाली हाथ

बहराइच : हड़ताल खत्म होने के बाद भी समितियों के ताले नहीं खुले हैं। खाद के लिए किसान सुबह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 11:22 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 11:22 PM (IST)
खाद से भरे भंडार, किसानों के खाली हाथ
खाद से भरे भंडार, किसानों के खाली हाथ

बहराइच : हड़ताल खत्म होने के बाद भी समितियों के ताले नहीं खुले हैं। खाद के लिए किसान सुबह से ही समितियों पर डटे रहे। दि न भर सचिवों की राह ताक कर खाली हाथ लौट गए। पिछड़ रही बोवाई से परेशान किसान निजी दुकानों से महंगे दामों पर खाद खरीदने को विवश हो रहे हैं। यह हाल तब है,जब कृषि विभाग में हजारों मीट्रिक टन खाद गोदामों में डंप है। जिले में 111 साधन सहकारी समितियां हैं। इन समितियों पर एक लाख से अधिक किसान पंजीकृत है,जो खाद व बीज के लिए समितियों पर ही निर्भर हैं। रबी फसलों के लिए खाद लेने के लिए किसान समितियों पर पहुंच रहे हैं ,लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है, क्योकि हड़ताल समाप्त होने पर भी सचिव के न लौटने से समितियों में ताले लटक रहे हैं। कृषि विभाग का कहना है कि 2000 मीट्रिक टन डीएपी की खेप डंप हैं। अधिकांश समितियों की ओर से अभी तक खाद की उठान नहीं की गई है। एग्री जंक्शन व विभाग की दूसरी इकाइयों पर खाद उपलब्ध कराई गई है। किसानों का छलका दर्द बौंडी के किसान श्याम पांडेय व सर्वजीत ¨सह कहते हैं कि समिति की खाद की गुणवत्ता अच्छी होती है। कई दिनों से खाद के लिए दौड़ लगा रहे हैं,लेकिन सचिव उठान न होने की बात कहकर टाल दे रहे हैं। चित्तौरा ब्लॉक के किसान सुरेश कुमार व श्याम यादव कहते हैं कि गेहूं बोवाई के लिए डीएपी की जरूरत है। समिति पर ताला बंद है। निजी दुकान से खाद खरीद कर बोवाई को मजबूर हैं। फखरपुर के किसान रईश खां व छोटेलाल वर्मा भी खाद के लिए परेशान हैं।

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