अस्पताल का कचरा निस्तारण को 2.83 करोड़ से लगेगा बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट
सरकार ने खोला खजाना सरकारी अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के नाम पर हर माह खर्च हो रहे 30 से 40 लाख रुपये
प्रदीप तिवारी, बहराइच: मेडिकल कॉलेज में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के प्रस्ताव पर शासन ने मुहर लगा दी है। कॉलेज परिसर में ही 2.83 करोड़ की लागत से कचरे के स्थाई समाधान के लिए प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए कार्यदायी संस्था नामित हो गई है।
सरकारी अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के नाम पर हर माह 30 से 40 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। बावजूद इसके, परिसर में कचरा कई दिनों तक डंप रहता है। यह कचरा कम होने के बजाय दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। जबकि कचरा उठाने के लिए अयोध्या की स्पेक्ट्रम कंपनी नामित है। तमाम शिकायतें हुई लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका। अब इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार गंभीर हुई है।
नवंबर में कॉलेज प्रशासन की ओर से बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। प्लांट निर्माण के लिए 2.83 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान कर दिया गया है। पहली किस्त के रूप में कार्यदायी संस्था डीएनडीएस जल निगम को एक करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिए गए हैं। शासन के इस कदम से बायो मेडिकल वेस्ट की समस्या से निजात मिलेगी।
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हर दिन निकल रहा 130 क्विंटल कचरा
कॉलेज में हर दिन औसतन 125 से 130 क्विंटल कचरा निकल रहा है। इसमें 40 फीसद से ज्यादा खुले में नहीं फेंका जा सकता। प्लांट लगने से समस्या हाल हो सकेगी। -----------------
युवाओं को मिलेगा रोजगार
- हॉस्पिटल मैनेजर रिजवान अहमद के मुताबिक बायोमेडिकल वेस्ट प्लांट लगने से क्षेत्रीय को रोजगार मिलेगा। 30 से 40 लोग नौकरी पा सकेंगे। यही नहीं कई तरह की बीमारियों से निजात मिलेगी। ------------- 500 बेड का मेडिकल कॉलेज
1100 औसतन हर रोज ओपीडी
250 हर बेड कचरे का मानक
05 बीघे जमीन में लगेगा प्लांट