अब पूर्वांचल पैकेज राइस मिलर्स अनुबंध में बना रोड़ा

बहराइच : इस बार राइस मिलर्स सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदे जा रहे धान की कुटाई के अनु

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 09:32 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 09:32 PM (IST)
अब पूर्वांचल पैकेज राइस मिलर्स अनुबंध में बना रोड़ा
अब पूर्वांचल पैकेज राइस मिलर्स अनुबंध में बना रोड़ा

बहराइच : इस बार राइस मिलर्स सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदे जा रहे धान की कुटाई के अनुबंध के लिए अब पूर्वांचल पैकेज पर अड़ गए हैं। इस पैकेज को 2006 में रद्द कर दिया गया था। विपणन विभाग से अनाज भंडारण छीनकर भारतीय खाद्य निगम को सौंपा गया था। कई मानकों में बदलाव हो जाने से मिलर्स को प्रति ¨क्वटल पांच किलो अतिरिक्त चावल की रिकवरी ही नहीं देनी पड़ रही, बल्कि धान कुटाई की दर में अपेक्षाकृत बढ़ोत्तरी न होने से घाटे का सौदा साबित हो रहा है।

वर्ष 1992 में पूर्वांचल पैकेज लागू किया गया था। इसके तहत धान की खरीद में रिकवरी प्रतिशत कम होने से चावल की रिकवरी 67 प्रतिशत रही, जबकि धान कुटाई की दर प्रति ¨क्वटल 10 रुपये रहा। विपणन विभाग धान के मानक व परिस्थितियों के अनुसार कुटाई दर में बढ़ोत्तरी कर मिलर्स को राहत दे रहा था, लेकिन वर्ष 2006 में इस पैकेज को रद्द कर दिया गया। इससे राइस मिलर्स को सबसे ज्यादा झटका लगा, क्योंकि एफसीआई ने चावल की पूर्व निर्धारित रिकवरी में पांच किलो की बढ़ोत्तरी कर 67 किलो कर दिया। धान कुटाई के मद में अरसे बीत गए, लेकिन फूटी कौड़ी भी बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। अब इस पर मानक पर क्रय केंद्रों के धान की कुटाई को मिलर्स तैयार नहीं हो रहे हैं। उनका तर्क है कि हरियाणा व पंजाब प्रांत से इतर पूर्वांचल का वातावरण है। ऐसे में धान की गुणवत्ता को देखते हुए पूर्वांचल पैकेज लागू किया जाना चाहिए। प्रति ¨क्वटल कुटाई मद 150 रुपये करने पर अड़े हैं। ये मानक बने मुसीबत

बहराइच : भारतीय खाद्य निगम के निर्धारित मानकों पर राइस मिलर्स खरा नहीं उतर पा रहे हैं। 25 फीसदी चावल का टूटन, तीन फीसदी तक डैमेज व तीन ही फीसदी तक चावल डिस्कलर पर ही उठान का पैमाना निर्धारित है। इसके बाद खामियां मिलने पर चावल की उठान नहीं की जा रही है। जिसको लेकर हर बार विपणन व एफसीआई के बीच तकरार की स्थिति पैदा होती है।

एफसीआई की ओर से निर्धारित कुटाई दर पर राइस मिलर्स तैयार नहीं हो रहे हैं। 150 रुपये तक की मांग कर रहे हैं। पूर्वांचल पैकेज रद्द होने के बाद से ही यह स्थिति पैदा हो रही है। विपिन कुमार राय, डिप्टी आरएमओ, बहराइच

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