उपचुनाव में चल रहा भितरघात का खेल'

विजय द्विवेदी बहराइच युद्ध और प्यार में सब जायज है। बलहा विधानसभा के उपचुनाव के चुनावी युद्ध म

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 09:51 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 09:51 PM (IST)
उपचुनाव में चल रहा भितरघात का खेल'
उपचुनाव में चल रहा भितरघात का खेल'

विजय द्विवेदी, बहराइच : युद्ध और प्यार में सब जायज है। बलहा विधानसभा के उपचुनाव के चुनावी युद्ध में पर्दे के पीछे कुछ ऐसा ही चल रहा है। दिन में पार्टी के प्रति वफादारी और ईमानदारी की निष्ठा रात में बदल जाती है और वे भीष्म पितामह की तरह विरोधी खेमे को अपनी पार्टी के पराजय का मंत्र बताते हैं। कारण एक तरफ धर्म का पक्ष तो दूसरी ओर हस्तिनापुर की गद्दी।

भितरघात से वैसे तो सभी दल परेशान हैं, लेकिन केसरिया खेमे में स्थिति भयावह है। 21 अक्टूबर को बलहा विधानसभा उपचुनाव का मतदान होना है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, सियासी गहमागहमी बढ़ती जा रही है। भाजपा जहां अपनी पूरी ताकत इस सीट को बचाने में लगा रखी है, वहीं सपा भी इस सीट को हथियाने के लिए पसीना बहा रही है। बसपा अपने कैडर और संगठन के बल पर तो कांग्रेस ने मन्नू देवी को दांव पर लगाया है। भाजपा का नया चेहरा बनी सरोज सोनकर और दो बार बसपा से चुनाव लड़कर रनर रहीं किरन भारती खेमा बदलकर सपा से जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं। भाजपा प्रत्याशी की घोषणा के पहले बलहा विधानसभा सीट से लगभग 35 लोग टिकट की दौड़ में शामिल रहे, लेकिन प्रदेश नेतृत्व ने सरोज को उतारकर एक अलग ही संदेश दे दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सीट को प्रतिष्ठा से जोड़कर दो बार इस इलाके में जनसभा भी कर चुके हैं। टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेता पर्दे के पीछे से भितरघात कर रहे हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि वे अपने विश्वासपात्र पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के घर-घर जाकर चुनाव से दूर रहने का मशविरा दे रहे हैं। इसको लेकर प्रदेश नेताओं व जिला पदाधिकारियों में मतभेद भी होना बताया जाता है। इस खाई को पाटने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह दो बार और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने यहां आकर संगठन के स्थानीय नेताओं के पेंच भी कसे हैं। सूत्रों की मानें तो इसके बाद भी कुछ पदाधिकारियों पर पार्टी के अनुशासन का कोई असर नहीं दिख रहा है।

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