अंतिम संस्कार से पूर्व धरने पर बैठ गए परिवारजन
सरकारी नौकरी एवं 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग अकरौरा पहुंची पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले ने लगाया उपेक्षा का आरोप
बहराइच: अकरौरा गांव की निवर्तमान प्रधान के पुत्र की हत्या के मामले ने दूसरे दिन भी तूल पकड़ लिया। शुक्रवार को थाने का घेराव कर विरोध जताने वाले परिवारजन शनिवार को अंतिम संस्कार करने की जगह गांव में धरने पर बैठ गए। वे मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी एवं 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं। अकरौरा पहुंची पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया।
ग्रामसभा अकरौरा सुबह से ही लोगों का हुजूम मृतक धर्मेंद्र के घर शोक जताने के लिए आता रहा। पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले भी पहुंची और उन्होंने परिवारजन से वार्ता कर प्रशासन पर शिथिलता बरतने का आरोप लगाया। वे घंटों मौके पर डटी रहीं। उनके साथ भीम आर्मी के सदस्य भी मामले को राजनीतिक रंग देने में जुटे रहे। प्रशासन से कई दौर की वार्ता में परिवारजन ने अपनी मांग पूरी होने पर ही शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही।
मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह एवं उप जिलाधिकारी कीर्ति प्रकाश भारती से परिवारजन ने आर्थिक सहायता में 50 लाख रुपये, मृतक के पत्नी को सरकारी नौकरी, दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई एवं परिजनों की सुरक्षा की मांग की। इस पर अधिकारियों गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया। पारिवारिक लाभ, किसान दुर्घटना बीमा व अनुसूचित जाति का लाभ स्थानीय स्तर पर देने की बात कही। इस पर मृतक के परिवारजन अंतिम संस्कार पर सहमत हुए। गांव में अधिकारियों व पुलिस बल के समक्ष ग्रामीणों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया।
एसपी को किया गुमराह तो थानाध्यक्ष पर गिरी गाज: पयागपुर थाना क्षेत्र के पूर्व प्रधान के बेटे की हत्या के मामले में एसपी को गुमराह करने वाले थानाध्यक्ष को एसपी सुजाता सिंह ने सस्पेंड कर दिया। एसपी ने सुजौली में तैनात रहे वरिष्ठ एसएसआइ बृजानंद सिंह को पयागपुर का नया थानाध्यक्ष बनाया है। पयागपुर थाना क्षेत्र के पूर्व प्रधान के बेटे की हत्या के मामले में पुलिस को गुमराह करने वाले थानाध्यक्ष को एसपी ने सस्पेंड कर दिया। इस कार्यवाही से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।