दो करोड़ छूट पर 812 किसानों ने खरीदे कृषि उपकरण

जाता है। एसएमएस के माध्यम से किसान को चयन की सूचना दी जाती है। 30 दिनों की अंदर कृषि यंत्र खरीदकर बिल पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। अधिकारियों के सत्यापन के बाद अनुदान खातों में पहुंचता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 11:07 PM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 06:19 AM (IST)
दो करोड़ छूट पर 812 किसानों ने खरीदे कृषि उपकरण
दो करोड़ छूट पर 812 किसानों ने खरीदे कृषि उपकरण

बहराइच : तराई के किसानों के लिए कृषि मैकेनाइजेशन योजना काफी मददगार साबित हुई है। महंगे उपकरण व आर्थिक तंगी के चलते जो किसान चाहकर भी कृषि यंत्रों की खरीद से कदम खींच लेते थे, उन किसानों ने 30 से 70 फीसदी तक की अनुदान का भरपूर फायदा उठाया है। 812 किसानों ने छूट लेकर कृषि उपयोगी यंत्रों की खरीद की है। इन किसानों को अनुदान के रूप में दो करोड़ रुपये खातों में भुगतान किया गया है।

कृषि कार्य को समय पर पूरा करने व कम क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन लेने के लिए कृषि यंत्रों का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में कृषि विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को रियायती दरों पर कृषि यंत्र मुहैया करा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में 601 कृषि उपकरण, 211 कृषि रक्षा उपकरण अनुदान पर किसानों को उपलब्ध कराया गया है। इनमें 290 किसानों ने सिर्फ रोटावेटर खरीदें हैं। इन उपकरणों की खरीद पर 35 हजार से लेकर लागत का 50 फीसदी अनुदान दिया गया है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमवी सिंह कहना है कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी के सिद्धांतों को खेती में अपनाकर मानवश्रम की आवश्यकता को कम किया ही जा सकता है। समय पर सारे कृषि कार्य भी संपन्न किए जा सकते है। क्योंकि दिन- प्रतिदिन मजदूरों की कमी कृषि कार्य में रोड़ा बन रही है। अब छूट पर किसान बेहिचक कृषि यंत्रों की आसानी से खरीद कर ले रहे हैं। इन यंत्रों की खरीद पर मिली छूट कृषि यंत्रों जैसे ड्रम सीडर, स्ट्रा-रीपर, सीड ड्रिल, मल्टी क्राप थ्रेसर, लेजर लैंड लेवलर, रोटावेटर, रीपर कम बाइंडर, मल्टी क्राप प्लांटर, सोलर इरीगेशन पंप की खरीद पर किसानों का अनुदान दिया गया है। ये है प्रक्रिया लाभार्थियों को छूट पर कृषि यंत्र खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया जाता है। एसएमएस के माध्यम से किसान को चयन की सूचना दी जाती है। 30 दिनों की अंदर कृषि यंत्र खरीदकर बिल पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। अधिकारियों के सत्यापन के बाद अनुदान खातों में पहुंचता है।

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