जब पुलिस ही तोड़ रही नियम, तो जनता को कौन सुधारेगा
जनता के रखवाले अब कोरोना के नियमों को तोड़ने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।
बागपत, जेएनएन। जनता के रखवाले अब कोरोना के नियमों को तोड़ने से भी पीछे नहीं हट रहे है। ऐसे हालातों में ये लापरवाह बन रहे है जब कोरोना से लोगों की जाने जा रहे है। सुबह के समय जब लोगों की भीड़ बाजार में होती है तब तो पुलिस कर्मी कहीं नजर नहीं आते है। जब भीड़ कम होती है तो दुकानदारों पर कार्रवाई के लिए निकल पड़ते है।
जिले में न तो लाकडाउन का ही पालन हो रहा है और न ही कोरोना गाइडलाइन का। मास्क लगाना भी अब उचित नहीं समझा जा रहा है। शारीरिक दूरी का पालन तो कोई करना ही नहीं चाह रहा है। रविवार की दोपहर तो अलग ही नजारा देखने को मिला, पुलिस कर्मी कोरोना की गाइडलाइन को भुलते हुए झुंड बनाकर शहर के राष्ट्रवंदना चौक पर बैठ गए। कुछ महिला पुलिस कर्मी खड़ी हुई। सभी इधर-उधर की बातों में ऐसे मसगुल हुए कि यह भूल गए कि कोरोना का वायरस भी कहर बरपा रहा है। शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया। चेहरे पर मास्क तो लगाया हुआ था, केवल मुंह को ही ढका हुआ था। बार-बार चेहरे से मास्क उतार रहे थे। वहां आने-जाने वाले लोगों को कोरोना के नियमों का पालन करने के लिए हिदायत दे रहे थे, लेकिन खुद ही नियम को तोड़ रहे थे। लाकडाउन शहर के बाजारों का बुरा हाल है। लापरवाही चरम पर पहुंच रही है। जिले में लाकडाउन का पालन सख्ताई से नहीं कराया जा रहा है, जबकि लोगों को नियम तोड़ने छूट दे दी गई है। पुलिस कर्मी भी सुबह आठ बजे से 11 बजे तक बाजार में गश्त नहीं करते है, जिससे बेपरवाह लोग सड़कों में घूम रहे है और कोरोना के वायरस को फैलाने में खतरा बने हुए है। बागपत ही नहीं जिले के सभी बाजारों का ऐसा हाल है। एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि जब हम कोरोना के नियम तोड़ने वाले आम आदमी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे है। अगर पुलिस कर्मी भी नियम तोड़ रहे है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। हमारे लिए जनता और विभागीय कर्मचारी बराबर है।