ये कैसा लाकडाउन, शटर गिराकर कराई जा रही खरीदारी
जिले में लाकडाउन जैसे हालत नहीं हैं.. बाजार का नजारा देख कोई भी यह कह सकता है कि यह कैसा लाकडाउन है।
बागपत, जेएनएन। जिले में लाकडाउन जैसे हालत नहीं हैं.. बाजार का नजारा देख कोई भी यह कह नहीं सकता है कि साप्ताहिक लाकडाउन चल रहा है। दुकानों के बाहर शटर बंद है, लेकिन दुकान के अंदर ग्राहकों को खरीदारी कराई जा रही है। दुकानदार यह नहीं समझ रहे हैं कि कोरोना ने दबोचा, तो सांस मुश्किल में पड़ सकती है।
कोरोना के प्रकोप के बीच शहर के बाजारों में आपदा को अवसर में बदलने का खूब खेल चल रहा है। लोगों की जान को खतरे में डाला जा रहा है। लाकडाउन होने के बावजूद बंद दुकानों के अंदर एक दूसरे तक वायरस फैलाने काम हो रहा है। सबसे ज्यादा खराब हालत जूते-चप्पल और कपड़ों की दुकानों में है। दो-चार ग्राहकों के इकट्ठा होते ही उन्हें दुकान में घुसा दिया जाता है। पहले मौजूद ग्राहकों को निकाल दिया जाता है। इस दौरान बंद दुकान में धड़ल्ले से सामान बेचा जा रहा है। ऐसे में कोई संक्रमित दुकान में पहुंचा, तो न जाने कितने लोगों तक कोरोना की बीमारी जाएगी। लोगों के अंदर भी सब्र नहीं है। त्योहार के चलते लोग खुद को बीमारी की ओर धकेल रहे हैं।
ऐसे में पुलिस और प्रशासन की भी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लग रहा है। जिस समय भीड़ होती है तो उस दौरान बाजार में पुलिस का एक सिपाही भी नजर नहीं आता है। अगर इसी तरह चलता रहा है तो जिला कोरोना से मुक्त नहीं होगा, और भी ज्यादा बढ़ जाएगा।
प्रभारी एसडीएम रामनयन सिंह ने कहा कि लापरवाही पर कंट्रोल किया जाएगा। दुकानदार और लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। अब वह खुद ही बाजार में पैदल भ्रमण करेंगे। जहां भी लापरवाही मिलेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
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दिन-प्रतिदिन टूट रहे
बाजार के रिकार्ड
बाजार में लगातार भीड़ बढ़ रही है। भीड़ का दिन-प्रतिदिन रिकार्ड टूटता जा रहा है। बाजार के हालात देख कोई कह नहीं सकता है कि यहां लाकडाउन लागू है। छोटी से लेकर बढ़ी दुकानों तक के हालत खराब है। सावधानियां कोई नहीं बरत रहा है।