उफान पर यमुना..खतरे में खादर

पहाड़ों पर बारिश से यमुना का जल स्तर निरंतर बढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:02 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:02 PM (IST)
उफान पर यमुना..खतरे में खादर
उफान पर यमुना..खतरे में खादर

बागपत, जेएनएन। पहाड़ों पर बारिश से यमुना का जल स्तर निरंतर बढ़ रहा। हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 24 हजार क्यूसेक पानी छोड़ गया। अब यमुना का पानी खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर बह रहा है। यमुना किनारे के गांवों के खादर में सैकड़ों किसानों की करोड़ों रुपये कीमत की गन्ना, हरा चारा और हरी सब्जियों की फसल डूब गई।

रविवार की रात से शाम चार बजे तक हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 10 बार पानी छोड़ा गया जो बुधवार को बागपत पहुंचेगा। 48 घंटे पहले छोड़ा गया पानी बागपत को पास कर रहा है। शनिवार को यमुना का पानी खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रहा था लेकिन अब 40 सेमी ऊपर है। बढ़ते जल स्तर से खादर में गन्ना, धान, चारा व सब्जियों की फसलें डूबने से नुकसान है।

छपरौली, शबगा, टांडा, काकोर, जागोस, कोताना, खेडी प्रधान, लुहारी, नैथला, निवाड़ा, सिसाना, बागपत, काठा, पानी, सांकरौद, मवीकलां व सुभानपुर गांवें के बाशिदों की टेंशन बढ़ गई। गनीमत यह है कि अभी यमुना के पानी से कटान शुरू नहीं हुआ जिससे यमुना किनारे बसे गांवों को कोई खतरा नहीं है। रोमांचित कर रहा यमुना का पानी

-बेशक यमुना में पानी बढ़ रहा है लेकिन एक बात यह देखने को मिली कि उफनती यमुना को देखने के लिए यमुना किनारे लोगों का तांता लगा रहता है। जो गांव यमुना किनारे नहीं है वहां के बाशिदें भी यमुना किनारे जाकर बहते पानी को देख रोमांचित हुए बिना नहीं रहते। यमुना किनारे खड़े होकर लोग अपने स्मार्ट फोन से सेल्फी लेने में भी पीछे नहीं हैं। कईयों को कहते सुना गया कि यमुना का बहता पानी मन को भाता है। ऐसे छोड़ा गया यमुना में पानी

हथिनीकुंड बैराज से यमुना में रविवार रात 12 बजे 23891 क्यूसेक, प्रात: चार बजे 19056 क्यूसेक, प्रात: छह बजे 19056 क्यूसेक, प्रात: आठ बजे 17827 क्यूसेक, प्रात: 10 बजे 24043 क्यूसेक, दोपहर 12 बजे 17827 क्यूसेक, दोपहर दो बजे 14390 क्यूसेक, दोपहर तीन बजे

14390 क्यूसेक और शाम चार बजे 12508 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

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-यमुना का जल स्तर बढ़ा है, लेकिन कटान कहीं नहीं हुआ है। खतरे वाली कोई बात नहीं है। हम यमुना के जल स्तर पर बराकर नजर रखे हैं।

-उत्कर्ष भारद्वाज, एक्सईएन सिचाई

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