बूंदें सहेजने को तालाबों की होगी खोदाई
गिरते भूजल स्तर को रोककर बागपत को रेगिस्तान में तब्दील होने से बचाने को सरकारी तंत्र ने कवायद तेज कर दी है।
बागपत, जेएनएन। गिरते भूजल स्तर को रोककर बागपत को रेगिस्तान में तब्दील होने से बचाने को सरकारी तंत्र ने कवायद तेज कर दी है। अब मनरेगा से बागपत के गांवों में सालाना दो लाख घन मीटर वर्षा जल सहेजने के लिए
10 तालाबों की खोदाई कराने का प्लान है।
बागपत में भूजल स्तर रसातल में जा रहा। छह में कोई ऐसा ब्लाक नहीं है जिसमें भूजल स्तर 20 मीटर से कम गराई में न हो। बागपत में भूजज अतिदोहन बेहद ज्यादा है। अति भूजल दोहन का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि बागपत के भूगर्भ में 49 हजार 628 हेक्टेयर मीटर पानी उपलब्ध है जिसमें से 48 हजार 748 हेक्टेयर मीटर पानी निकाल रहे हैं। भविष्य के लिए 326 हेक्टेयर मीटर पानी छोड़ रहे हैं।
यही कारण है कि बागपत की सभी नौ नगर निकाय तथा 281 गांवों डार्क जोन में हैं, लेकिन अब सरकारी
तंत्र कैच द रेन अभियान के तहत बागपत को डार्क जोन से मुक्ति दिलाने के प्रयास में जुट गया है। अब
मनरेगा से जिले में 10 तालाबों की खोदाई कराने का प्लान बना रहे हैं।
तालाबों का चयन जल्द हो जाएगा ताकि मानसून आने से पहले उनकी खोदाई कराई जा सके। इनकी खोदाई होने से हर साल दो लाख घन मीटर वर्षा जल सहेजा जाएगा। इससे गिरते भूजल स्तर पर ब्रेक लगेगा। इसके अलावा हम अभियान चलाकर आम जन को पानी बचत करने के लिए प्रेरित करेंगे।
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-मनरेगा से तालाबों की खोदाई करानो का प्लान तैयार करवा रहे हैं ताकि बारिश का जल सहेज कर उसे जमींदोज कराया जा सके।
-हुब लाल, जिला परियोजना अधिकारी