गांवों की सरकार ने थामी जल संचय की डोर
डार्क जोन बागपत के लिए अच्छी खबर। बारिश का पानी अब बेकार नहीं बहेगा।
बागपत, जेएनएन। डार्क जोन बागपत के लिए अच्छी खबर। बारिश का पानी अब बेकार नहीं बहेगा। पहली बार ग्राम पंचायतों ने विकास योजनाओं में बारिश की बूंदें सहेजने का काम शामिल किया। फिलहाल सार्वजनिक भवनों में मानूसन से पहले रेन वाटर हार्वेस्टिग लगवाने को करोड़ रुपये के प्लान बन रहे हैं। यानी करोड़ों लीटर वर्षा जल को जमीन में पहुंचाने से डार्क जोन बागपत को शर्म से लाल नहीं होना पड़ेगा..।
रसातल में भूजल स्तर जाने से बागपत की हरित धरती पर पानी का अकाल हो गया है। जिले में भूजल स्तर 15 से 22 मीटर गहरे पहुंच गया है। बाकी कसर भूजल का अतिदोहन पूरी कर रहा है। लेकिन डीएम राज कमल यादव के निर्देश पर गांवों में सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग लगाने की शानदार कवायद शुरू हो गई है।
180 ग्राम पंचायतों ने अपनी विकास योजनाओं में पंचायत घरों में दो करोड़ रुपये की लागत से रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवा 1.5 करोड़ों लीटर से ज्यादा वर्षा जल सहेजने का प्लान शामिल किया है। प्रति पंचायत घर में सिस्टम लगाने में एक से डेढ़ लाख रुपये तक खर्च आएगा और हर साल दो से पांच लाख लीटर तक वर्षा जल भूमिगत किया जा सकेगा। ग्रामीणों को जल की बर्बादी रोकने और अनमोल बूंदों को सहेजने को प्रेरित करने को अभियान भी चलाएंगे।
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-पंचायत सचिवों को पंचायत घरों में जल संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग के माडल उपलब्ध कराए हैं। दर्जनों गांवों में रेन वाटर हार्वेस्टिग लगवाने का काम विकास योजनाओं में शामिल हो गया है।
-कुमार अमरेंद्र, जिला पंचायत राज अधिकारी