कम राशन मिलने पर ट्योढ़ी में उपभोक्ताओं का हंगामा
सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें कालाबाजारी और मुनाफाखोरी का अड्डा बनकर रह गया है।
बागपत, जेएनएन। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें कालाबाजारी और मुनाफाखोरी का अड्डा बनकर रह गईं। सरकार की तरफ से दी जा रही सब्सिडी और निशुल्क अनाज योजना का लाभ गरीबों को कम राशन माफियाओं के जेब में ज्यादा जा रहा है। ताजा मामला ट्योढ़ी गांव का है, जहां निर्धारित यूनिट से कम राशन आवंटित कर रहे राशन डीलर के खिलाफ उपभोक्ताओं ने प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया और अधिकारियों से राशन डीलर की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की।
सोमवार को ट्योढ़ी गांव में राशन वितरण के दौरान जमकर हंगामा हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि निर्धारित यूनिट से कम राशन दिया जा रहा है। इसका विरोध करने पर राशन डीलर अभद्रता करते हुए मारपीट पर उतारू हो जाता है। महिला उपभोक्ता यासीन ने बताया कि उसकी छह यूनिट है, जबकि उसे चार यूनिट के हिसाब से अनाज दिया गया। ग्रामीण सूबे सिंह ने बताया कि उनकी चार यूनिट है, मगर दो यूनिट के हिसाब से ही राशन दिया है। ग्रामीण प्रभात कुमार ने बताया कि समय से राशन का वितरण नहीं किया जा रहा और निर्धारित यूनिट से कम राशन दिया जाता है। इसकी शिकायत प्रधान से की तो वह भी टरकाने की बात करता है। उन्होंने राशन डीलर पर महिलाओं के साथ गाली-गलौच करने और मनमानी ऐसे ही जारी रखने की धमकी देने का आरोप लगाया। इस संबंध राशन डीलर पवन का कहना है कि गांव की पार्टी बाजी के चलते उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। सभी को निर्धारित यूनिट के अनुसार राशन का वितरण किया जा रहा है।